Coronavirus Third Wave Alert in Ranchi: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सदर अस्पताल और रिम्स तैयार
Coronavirus Third Wave Alert in Ranchi कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरी चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया था। जिसके बाद संभावित तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई है। विशेषज्ञों की माने तो अगले छह से आठ सप्ताह में तीसरी लहर आ सकती है।
रांची, जासं। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरी चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया था। जिसके बाद संभावित तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई है। विशेषज्ञों की माने तो अगले छह से आठ सप्ताह में तीसरी लहर आ सकती है। लेकिन सरकारी अस्पतालों ने अपनी तैयारी पहले से ही शुरू कर दी है और 60 प्रतिशत से अधिक तैयारियां हो भी चुकी है। राजधानी के सदर अस्पताल में बच्चों के लिए बनने वाले 50 बेड बनकर तैयार हो चुका है। इसमें से 30 ऑक्सीजन बेड और 20 आईसीयू बेड बनकर तैयार हो चुका है। इसके बाद भी जरूरत पड़ी तो चाइल्ड कोविड डेडिकेटेड वार्ड बढ़ाए जाएंगे।
इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है। मालूम हो कि इन बेड को तैयार करने का निदेश उपायुक्त ने पिछले माह ही दिया था, जिसके बाद गति में तेजी दिखी। सिविल सर्जन डा विनोद कुमार बताते हैं कि बेड तो तैयार हो चुका है। जो भी गाइडलाइन बनायी गई है उसी के अनुसार ही तैयारी की जा रही है। कहीं कोई चूक ना रह जाए इसे लेकर हर स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है।
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की कमी ना हो इसे लेकर भी प्लांट बैठाने का काम दूसरे लहर से ही शुरू कर दिया गया था। इसका परिणाम भी अब दिखने लगा है। अस्पताल में टैंकर बैठाने का काम पूरा भी हो गया है। ऑक्सीजन टैंकर और ऑक्सीजन स्टोर करने की प्रक्रिया चालू है और इसे जल्द ही पाइपलाईन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा दूसरी लहर में मरीजों के बीच हुई ऑक्सीजन की कमी को लेकर एक और टैंकर लगाया जाएगा। इसे लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
पांच मिनट में 650 लीटर ऑक्सीजन मिल सकेगा मरीजों को
ऑक्सीजन प्लांट के शुरू हो जाने पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारु ढ़ंग से शुरू हो सकेगी। मरीजों के बेड तक ऑक्सजीन पहुंचाने में इस नए प्लांट की जरूरत पड़ेगी जिसमें पांच मिनट में करीब 650 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा। डीएस डा एस मंडल ने बताया कि अस्पताल में 1100 ऑक्सजीन सिलेंडर इमरजेंसी सेवा के लिए रखा गया है। इसके बाद भी ऑक्सीजन उत्पादन का काम चलता रहेगा। इस बार ऑक्सीजन के लिए मारामारी जैसी स्थिति नहीं बननी चाहिए।
नर्सों को प्रशिक्षित किया जा रहा है
इस बार की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक होने की बात कही जा रही है। इसके लिए मेडिकल स्टॉफ को अधिक मुस्तैद रहना होगा। इसी लेकर नर्सों को प्रशिक्षित करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। निजी अस्पतालों के सीनियर नर्सों से प्रशिक्षण कार्य में मदद ली जा रही है।
रिम्स में 90 आईसीयू बेड तैयार, 100 बेड रिजर्व में
रिम्स में भी तीसरी लहर को लेकर तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। बच्चों के लिए 90 आईसीयू बेड बनकर तैयार है। जबकि इसके अलावा 100 अतिरिक्त बेड इस्तमाल के लिए तैयार रखा गया है। रिम्स निदेशक ने बताया कि इमरजेंसी के वक्त इन बेड का इस्तमाल हो सकता है। इसके लिए प्रबंधन ने तैयारी कर रखी है। साथ ही हाल में ही एक ऑक्सीजन टेंकर लगाया गया है, जो काफी मददगार साबित होगी।