Coronavirus Update: कोरोना का खौफ बढ़ा, स्वास्थ्य महकमे ने तुरंत मांगे 43 करोड़; जानें ताजा हाल
Coronavirus Update कोरोना से निपटने के लिए गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग से 43.10 करोड़ रुपये की अविलंब मांग की है। जिलों के उपायुक्तों को 50-50 लाख की अनुशंसा की गई है।
रांची, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से निपटने के लिए गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग से 43.10 करोड़ रुपये की अविलंब मांग की है। साथ ही सभी जिलों के उपायुक्तों को 50-50 लाख रुपये उपलब्ध कराने की अनुशंसा की है। स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस राशि की मांग की है। साथ ही संभावित खर्च का पूरा ब्योरा प्रस्तुत किया है। इसमें कहा गया है कि दूसरे देशों से आए संभावित मरीजों की जांच तथा उपचार के लिए मेडिकल कॉलेजों एवं सदर अस्पतालों में क्वारंटाइन सेंटर एवं आइसोलेशन सेंटर स्थापित किया है।
इन सेंटरों में लॉजिस्टिक वस्तुएं, दवा एवं अन्य आवश्यक सामग्री में अनुमानित खर्च का आकलन किया गया है। इस व्यवस्था के लिए विभाग को अविलंब इतनी राशि की आवश्यकता है। उन्होंने यह राशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड को आवंटित करने का अनुरोध किया है। वहीं, सभी उपायुक्तों को 50-50 लाख रुपये यूनाइटेड फंड में हस्तांतरित करने की अनुशंसा यह कहते हुए कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए अधिकतर कार्य उपायुक्त स्तर पर ही होने हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बकायदा खर्च की बजट शीट भी गृह एवं आपदा विभाग को भेजी है। बता दें कि राज्य सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए 200 करोड़ रुपये की स्वीकृत आपदा राहत फंड से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस राशि से ही स्वास्थ्य विभाग और उपायुक्तों को राशि प्रदान की जाएगी।
राज्यपाल ने लिया कोरोना से लड़ने की तैयारियों का जायजा
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मुख्य सचिव डीके तिवारी और स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी को राजभवन बुलाकर राज्य में कोरोना से बचाव को लेकर अबतक की तैयारियों की समीक्षा की। इस क्रम में पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रेगुलेशन तथा उपायुक्तों को दिए गए निर्देश के अलावा मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों में की गई तैयारी की जानकारी दी। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना से बचाव को लेकर जो भी आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है, वह उठाई जाय।
इधर, झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने हाई कोर्ट परिसर का औचक निरीक्षण किया और सफाई का जायजा लिया। चीफ जस्टिस ने हाई कोर्ट स्थित डिस्पेंसरी में कोरोना वायरस की जांच से संबंधित ब्लड सैंपल लेने के लिए यूनिट स्थापित करने का निर्देश दिया। इस दौरान चीफ जस्टिस गेट नंबर 3 पहुंचे और थर्मल इंफ्रारेड मशीन से जांच कराने के बाद ही कोर्ट परिसर में प्रवेश किया। उनके साथ जस्टिस आनन्द सेन भी थे।
2 संदिग्धों का की जांच रिपोर्ट आज, भेजे जाएंगे 2 सैंपल
कोरोना का राज्य में अब तक एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है, हालांकि लोग लगातार जागरूक हो रहे हैं और जांच के लिए रिम्स पहुंच रहे हैं। गुरुवार को 2 संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए जमशेदपुर भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट आज शाम तक आने की उम्मीद है। माइक्रोबायोलॉजी के हेड डॉ मनोज कुमार ने बताया कि अफवाह के कारण लोगों में काफी दहशत का माहौल बनता जा रहा है। सरकार को चाहिए कि सबसे पहले सोशल मीडिया में फैल रहे इस तरह के अफवाह पर नियंत्रण लगाए। जो सैंपल भेजा गया था आज उसकी रिपोर्ट आ जाएगी। जांच प्रक्रिया में करीब 6 घंटे का समय लगता है, सैंपल लैब में रिसीव होने के बाद उसे जांच के लिए तैयार किया जाता है। आज 2 संदिग्ध मरीजों का सैंपल लिया जा चुका है।
गो एयर व विस्तारा का रांची-दिल्ली विमान आज रद
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए शुक्रवार को गो एयरवेज व विस्तार एयरलाइंस ने दिल्ली से रांची व रांची से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले विमानों को रद कर दिया है। एयरपोर्ट निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि कोरोना के कारण यात्रियों की संख्या में 20-25 फीसद तक की कमी आई है। फिलहाल एहतियात के तौर पर यात्रियों से घोषणा पत्र भरवाए जा रहे हैं, जिसमें उन्हें यह बताना है कि पिछले 14 दिनों में उन्होंने किस-किस देश की यात्रा की है और कहीं वे कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं हैं।
कोरोना वायरस अपडेट
- सचिवालय सहित सभी कार्यालयों में बाहरी के प्रवेश पर रोक : सचिवालय सहित सभी सरकारी कार्यालयों में आगंतुकों के आने पर लगी रोक। संबंधित पदाधिकारी से मिलने की अनुमति पर ही प्रवेश।
- जमीन की रजिस्ट्री में फिंगर स्कैन पर रोक : निबंधन कार्यालयों में जमीन या अन्य दस्तावेज की रजिस्ट्री में पक्षकारों के फिंगर स्कैनर के माध्यम से पहचान पर रोक लगा दी गई है।
- अबतक 40 लोगों की हुई जांच, सभी की रिपोर्ट निगेटिव : राज्य में कोरोना के लक्षण मिलने पर अबतक 40 लोगों की सैंपल जांच की गई है। किसी में कोरोना वायरस होने की पुष्टि नहीं हुई है।
- स्वास्थ्य विभाग ने अविलंब मांगे 43 करोड़ : सभी उपायुक्तों को 50-50 लाख रुपये देने की अनुशंसा। महामारी से निपटने के लिए 200 करोड़ रुपये का उपलब्ध है फंड।
- बैद्यनाथ मंदिर में बाहरी पर रोक, दिउड़ी और श्रीबंशीधर मंदिर बंद : देवघर में स्थानीय स्तर पर पंडा पुरोहित कर सकेंगे पूजा-अर्चना व आरती। दिउड़ी मंदिर और श्रीबंशीधर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद।
- प्रधानमंत्री आज मुख्यमंत्रियों के साथ करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग : केंद्र सरकार कोरोना से निपटने के लिए सीएम हेमंत सोरेन समेत तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री से वीडियो कान्फ्रेंसिंग में संवाद करेंगे।
- संघ ने पूरे देश में एक माह तक सभी बड़े कार्यक्रम किए स्थगित : संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने जारी किया संदेश। नववर्ष व रामनवमी पर केवल छोटे-छोटे कार्यक्रम होंगे आयोजित।
सचिवालय सहित सभी कार्यालयों में आगंतुकों के आने पर रोक
कोरोना से बचाव को लेकर राज्य सरकार ने एहतियाती कदमों को और बढ़ा दिया है। इसके तहत अब सचिवालय सहित सभी सरकारी कार्यालयों में आगंतुकों के आने पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। समुचित स्वास्थ्य जांच के बाद ही केवल उन्हीं आगंतुकों को अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी जिनके पास संबंधित पदाधिकारी से मिलने की अनुमति प्राप्त हो। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने कोरोना से बचाव को लेकर सरकारी कार्यालयों व अन्य के लिए गुरुवार को दिशा-निर्देश जारी किया जिसमें ये बातें कही गई हैं।
कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर होगी थर्मल स्क्रीनिंग
सभी मंत्रालयों, विभागों, क्षेत्रीय कार्यालयों को सरकारी भवनों के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। वहां हैंड सैनिटाइजर भी रखना अनिवार्य होगा। जो कर्मचारी फ्लू जैसे लक्षणों से प्रभावित पाए जाएंगे उन्हें समुचित चिकित्सा या आइसोलेशन में रहने के लिए परामर्श देने को कहा गया है। सरकारी कार्यालयों में बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ही करने पर जोर दिया गया है।
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही हाई कोर्ट में मिला प्रवेश
झारखंड हाई कोर्ट परिसर में प्रवेश से पहले सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। हालांकि, परिसर में सिर्फ उन्हीं अधिवक्ताओं को प्रवेश दिया जा रहा है, जिनका मामला कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। आम लोगों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित हैैं। इसके चलते हाई कोर्ट परिसर पूरा खाली दिख रहा है। गुरुवार को भी दो खंडपीठ और चार एकल पीठ बैठी। सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के बाद अधिवक्ताओं को कोर्ट में रूम में प्रवेश दिया जा रहा है। पूर्व के आदेश के तहत सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता और उनके सहायक ही कोर्ट में जा सकते हैैं। हाई कोर्ट में गेट नंबर तीन से ही प्रवेश दिया जा रहा है। यहां पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को लगाया है। कोर्ट में काम करने वाले कर्मी एवं सुरक्षाकर्मियों को मास्क दिया गया है। इधर, गुरुवार को एक बार फिर फुल कोर्ट की बैठक हुई। पिछले दिनों जारी दिशा-निर्देश की समीक्षा की गई। इस बैठक में निचली अदालत के फैमिली कोर्ट के लिए कुछ नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैैं। फैमिली कोर्ट में भी केवल जरूरी मामलों को सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है।
कोडरमा मंडल कारा में बंदियों से मुलाकात पर लगी रोक
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए कोडरमा मंडल कारा प्रशासन ने गुरुवार को अगले आदेश तक के लिए जेल में बंदियों से परिजनों की मुलाकात पर रोक लगा दी है। इस बाबत प्रभारी जेलर सुधीर कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि जेल आइजी के आदेशानुसार बंदियों से मुलाकात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। जेल के बंदी अपने परिजनों से ई- मुलाकाती के जरिये वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से मिल सकेंगे। बताया कि बंदी के परिजन प्रज्ञा केंद्र में आवेदन देंगें, आवेदन के उपरांत उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुलाकात कराया जा सकेगा। वहीं, जेल के बंदियों की कोर्ट में पेशी न होकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की जानी है। उन्होंने बताया कि जेल में कोई भी नया बंदी आने पर उसे कोरोंटाइन वार्ड में एक सप्ताह के लिए रखा जाएगा।
अस्वस्थ होने पर पदाधिकारी को करें सूचित
सभी कर्मियों को निर्देश दिया गया हैै कि वे अपने स्वास्थ्य का तथा अपने श्वसन के लक्षणों पर ध्यान दें। यदि अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो वे अपने रिपोर्ट करने वाले प्राधिकारी को सूचित करते हुए अविलंब कार्य स्थल छोड़ दें तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी सलाह के अनुसार अपने स्वास्थ्य की निगरानी घर पर ही पृथक रूप से रहकर करें। ऐसे कर्मियों को अवकाश भी स्वीकृत किया जाएगा। ज्यादा जोखिम वाले कर्मियों जैसे उम्रदराज कर्मी, गर्भवती कर्मी एवं जिनकी चिकित्सकीय स्थिति सामान्य न हो, के संबंध में अतिरिक्त सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। इसका ध्यान रखने को कहा गया है कि ऐसे कर्मियों को ऐसे किसी कार्य का दायित्व नहीं दिया जाना चाहिए जहां जनसामान्य से सीधे संपर्क आवश्यक हो। कार्मिक विभाग ने क्या करना चाहिए, क्या नहीं, इसका भी प्रचार-प्रसार करने को कहा है।
ये भी दिए गए निर्देश
- अनावश्यक सरकारी यात्रा न की जाए।
- सरकारी भवनों में स्थित सभी जिम, मनोरंजन केंद्र, शिशु केंद्र बंद रखे जाएं।
- कार्यस्थल की समुचित साफ-सफाई तथा नियमित रूप से सैनिटाइज करें।
- वॉशरूम में सैनिटाइजर, साबुन तथा पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित हो।
रांची, पलामू व गुमला से छत्तीसगढ़ जाने वाली 40 बसें प्रभावित
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने सीमावर्ती राज्यों से आने-जाने वाले बसों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय से रांची, गुमला व पलामू से परिचालित हाने वाली लगभग 40 बसें प्रभावित होंगी। रांची बस ओनर्स एशोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश व कोलकाता से झारखंड आने-जाने वाले बसों के प्रवेश पर भी राज्य सरकार को रोक लगानी चाहिए। इसी प्रकार, झारखंड से बिहार, उत्तर प्रदेश व कोलकाता व ओडिशा जाने वाले अंतरराज्यीय बसों के परिचालन पर भी रोक लगाने की आवश्कता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित यात्री झारखंड में न पहुंचें, इसे देखते हुए राज्य सरकार को भी उचित निर्णय लेने की जरूरत है। इधर, छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले से कई यात्री परेशान हैं।
कोरोना के खिलाफ चिकित्सक से सफाई कर्मी तक डटे हैैं मोर्चे पर
कोरोना से जंग कई मोर्चे पर लड़ी जा रही है, लेकिन इसके असली योद्धा चिकिसत्क, स्वास्थ्यकर्मी व स्वच्छता कर्मी ही हैैं जो दिन-रात अथक परिश्रम कर इस बीमारी को भगाने और लोगों को इसके प्रकोप से बचाने में लगे हैैं। बीमारी से डर कर जहां लोग घरों में बैठे हैं। वहीं लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए चिकित्सक से लेकर सफाई कर्मचारी तक कर्मक्षेत्र में उतरकर मोर्चा संभाले हुए हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, अस्पताल, कोर्ट से लेकर तमाम सार्वजनिक स्थलों पर कई लोग बीमारी के खिलाफ असली लड़ाई लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इनसे होकर गुजरता है संदिग्ध मरीजों का सैंपल
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में पदस्थापित डॉ. मनोज कुमार हर दिन करीब आधे दर्जन कोरोना मरीजों के सैंपल एकत्र कर रहे। इसे जांच के लिए कोलकाता से लेकर जमशेदपुर तक भेजने की पूरी प्रकिया इनकी निगरानी में पूरी की जाती है। बीमारी से डरे बगैर पूरी सावधानी के साथ बिना अवकाश के डॉ. मनोज कुमार अपना कार्य कर रहे हैं। इनके साथ आठ और लोगों की टीम इस कार्य में लगी हुई है। हर दिन सुबह छह बजे से ही डॉ. मनोज कुमार और उनकी टीम के सदस्य इस कार्य में लग जाते हैं।
समाज को मेरी सेवा की जरूरत, कैसे छोड़ें
चांदनी चौक निवासी 60 वर्षीय फूदन देवी पिछले 25 साल से सफाई का काम कर रही हैैं। वह पांच साल से सिविल कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में कार्यरत हंै। चार बेटे व पोते-पोतियों से भरापूरा परिवार है। परिवार में पैसे की दिक्कत नहीं है। महामारी का भय है। शहर संकट के दौर में है। ऐसी स्थिति में काम छोड़ कर घर में कैसे बैठ सकते हैं। यकहती हैं साफ-सफाई तो मानवता का काम है। फूदन देवी आज भी पूरे मनोयोग से मध्यस्थता केंद्र की सफाई करती है। उनके समर्पण का हर कोई कायल है।