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Coronavirus Lockdown: कहीं मस्जिदों पर ताला, कहीं श्राद्धकर्म पर पहरा; जानें दिनभर का हाल

Coronavirus Lockdown सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ग्रामीणों ने बैठक कर श्राद्ध कर्म को तत्काल स्थगित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 06:18 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 07:14 AM (IST)
Coronavirus Lockdown: कहीं मस्जिदों पर ताला, कहीं श्राद्धकर्म पर पहरा; जानें दिनभर का हाल
Coronavirus Lockdown: कहीं मस्जिदों पर ताला, कहीं श्राद्धकर्म पर पहरा; जानें दिनभर का हाल

रांची,जेएनएन। Coronavirus Lockdown शासन-प्रशासन की सख्ती के बादआखिरकार लॉकडाउन का असर झारखंड में दिखने लगा है। लोग अब सोशल डिस्‍टेंसिंग की अहमियत को समझने लगे हैं। गुरुवार को सर्वाधिक जद्दोजहद दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को लेकर देखी गई। जल्‍द से जल्‍द घर आने की बैचेनी के साथ पेट भरने की भी दिक्कत उनके सामने आ रही। कंटेनर तक में ढूंस कर वे अपनी मिट्टी वापस पहुंच रहे हैं। जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के कारण मुंबई में गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा, बोकारो एवं धनबाद के हजारों प्रवासी मजदूर फंस गए हैं। ये मजदूर जहां घर आने को बेचैन हैं वहीं इन मजदूरों के समक्ष पेट भरने की भी चुनौती है। बगोदर, डुमरी के रहने वाले मजदूरों ने हेमंत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। कहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह हेमंत सरकार भी अपने नागरिकों को मुंबई से वापस लाने की व्यवस्था करे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे कोरोना से तो बाद में, भूख से पहले ही मर जाएंगे।

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मस्जिदों में सीमित लोग पढ़ेंगे नमाज, शहर-ए-काजी का फरमान

कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही सतर्कता और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए मस्जिदों में नमाजियों की संख्या सीमित कर दी गई है। जिन मस्जिदों में पंच वक्ता नमाज होती है, वहां पर मात्र दस लोगों को ही नमाज पढ़ने दी जाएगी। जुमे की नमाज के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। जुमे की नमाज में अधिक भीड़ न हो, इसके लिए प्राय: मस्जिदों में दो से तीन बार जमात की जाएगी। ताकि नमाज में भीड़ नहीं हो। इतना ही नहीं यह भी अपील की गई है कि तीन से चार व्यक्ति अपने-अपने घरों पर भी नमाज अदा कर सकते हैं। वैसे प्रयास यह करें कि अपने-अपने घरों पर ही चार-पांच की संख्या में नमाज पढ़े। नमाज पढ़ने में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखें। यह निर्णय गुरुवार को शहर-ए-काजी मुफ्ती नजरे तौहीद की अध्यक्षता में संपन्न हुई मस्जिदों के इमामों की बैठक में लिया गया। शहर-ए-काजी ने सख्ती से कहा है कि मस्जिदों में कम से कम संख्या में लोग नमाज के लिए आए। उन्होंने कहा कि पंच वक्ता नमाज अजान के तुरंत बाद पढ़े। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक आपदा है। इसके बचाव के लिए सतर्कता अनिवार्य है। ऐसे में लॉकडाउन का पूरी तरह से अनुपालन करें। उन्होंने कहा कि हालात को देखते हुए बाहर निकलना कहीं से उचित नहीं है।

कोरोना को लेकर रायपहाड़ी में चार घरों में श्राद्ध कर्म स्थगित

कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लोग परंपरा और रीति-रिवाज से मुंह मोड़ने लगे हैं। मुसाबनी प्रखंड की धोबनी पंचायत के रायपहाड़ी गांव में चार लोगों की मौत अलग अलग तिथि को हुई थी। जिनमें सिरमात बास्के, बिराम बास्के, अर्जुन बास्के, छोटो सोरेन का श्राद्धकर्म होना था। इन सभी मृतक का श्राद्धकर्म इसी मार्च व अप्रैल माह में होना था, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ग्रामीणों ने बैठक कर श्राद्ध कर्म को तत्काल स्थगित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

14 अप्रैल तक बुक किए गए सभी रेलवे टिकट किए गए रद

लॉकडाउन की मियाद 21 दिनों तक बढ़ जाने के कारण रेलवे ने ट्रेनों के परिचालन को भी 14 अप्रैल तक रद कर दिया है। इस कारण रेलवे ने गुरुवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि 14 अप्रैल तक जिन यात्रियों ने अपने विभिन्न ट्रेनों में टिकटों का रिजर्वेशन करा रखा था उन सभी टिकटों को रद कर दिया गया है। और वहीं जिन यात्रियों ने ऑनलाइन रिजर्वेशन करा रखा था उनके भी टिकट को रद किया गया है। वह अपने टिकट वापस कर तीन माह के अंदर रिफंड के रुपये वापस ले सकते हैं ।

कोरोना के खिलाफ जंग में पारा शिक्षकों ने मदद को बढ़ाए हाथ

कोरोना के खिलाफ जंग में राज्य के अल्प मानदेय भोगी पारा शिक्षकों ने भी हाथ बढ़ाए हैं। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सभी पारा शिक्षकों से जरुरतमंद लोगों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में यथाशक्ति दान कर इस लड़ाई को जीतने तथा राज्य और देश को सुरक्षित रखने में सहयोग करने का आह्वान किया है।

मोर्चा की राज्य इकाई के सदस्य संजय कुमार दुबे एवं प्रद्युम्न कुमार सिंह ने अपने एक दिन का मानदेय क्रमशः 500 रुपये  एवं  400 रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में देकर इसकी शुरुआत की। अन्य जिलों के पारा शिक्षकों अरशद आलम (चतरा) ,  महेश कुमार मेहता (पलामू), धर्मेंद्र पांडे (पलामू) आदि ने भी एक दिन के मानदेय राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी।

घर में मिलेगा हैंड सैनिटाइजर बनाने का ज्ञान

जामताड़ा जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों में सैनिटाइजर व मास्क का घोर अभाव है। ऊंची कीमत पर भी लोगों को यह उपलब्ध नहीं हो रहा। इस कमी को दूर करने को स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों को अपने घर में सैनिटाइजर व मास्क बनाने का प्रशिक्षण भीड़-भाड़ मुक्त स्थल पर देने की योजना बनाई है। 

मुख्यमंत्री दाल भात योजना बंद

लॉकडॉउन के कारण गुरुवार को जमशेदपुर में नहीं खुले अधिकतर दाल भात केंद्र। सिर्फ एमजीएम अस्पताल के केंद्र में 400 गरीब इस कारण रह गए भूखे। बाराद्वारी स्थित ओल्ड एज होम में भी यहीं से जाता था खाना, लेकिन वो भी रह गए भूखे। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बिस्कुट खाकर कई लोगों ने मिटाई अपनी भूख। 

मानगो में सुविधा केंद्र बंद, साकची में अरहर की दाल नदारद

गुरुवार को जमशेदपुर के मानगो में सुविधा केंद्र दोपहर एक बजे बंद मिला। साकची में बाजार में दो सुविधा केंद्र खुले हुए थे लेकिन यहां अरहर की दाल नहीं थी। संचालकों ने बताया कि जो अरहर की दाल आई थी उसकी क्वालिटी काफी घटिया थी। इसलिए उन्होंने नहीं ली। अच्छी क्वालिटी की दाल आने पर वह लेंगे। सुविधा केंद्रों को सिर्फ 50-50 किलो आटा दिया गया है। संचालकों का कहना है कि यह आटा नाकाफी है।

डीसी ने बनाया फूड पैकेट हेल्पलाइन

चतरा के उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने लॉकडाउन को देखते हुए जिले के दिहाड़ी मजदूरों को उनके घरों तक भोजन पहुंचाने के लिए एक हेल्प लाइन बनाया है। जिसके जरिये दिहाड़ी मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए भोजन एवं राशन के पैकेज उपलब्ध कराए जाएंगे। डीसी के आदेश पर स्लम इलाकाें में निवास करने वाले मजदूरों व जरूरतमंदों को चिह्नित किया जा रहा है। हेल्प लाइन का संचालन भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी एवं स्वयंसेवी संस्था लाइफ सर्विस द्वारा किया जाएगा। इसके लिए हेल्प लाइन के लिए 8340524332 मोबाइल नंबर जारी किया गया है। डीसी ने बताया कि यह एक आपात स्थिति है। इसमें धैर्य और संयम से काम लेना है। यदि आप मायूस और घबराए हुए हैं, तो कृपया 8340524332 मोबाइल नंबर पर कॉल करें।


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