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Coronavirus: झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो मौतों को संभालना मुश्किल; जानें क्यों?

Coronavirus Jharkhand रांची में दो तथा 12 अन्य जिलों में कुल 17 अस्पतालों को कोरोना अस्पताल के रूप में घोषित कर दिया। कुल 230 आइसीयू तथा 1394 नन आइसीयू बेड सुरक्षित रखे गए हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 06:46 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 09:39 AM (IST)
Coronavirus: झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो मौतों को संभालना मुश्किल; जानें क्यों?
Coronavirus: झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो मौतों को संभालना मुश्किल; जानें क्यों?

रांची, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Jharkhand झारखंड में कोरोना के मरीज मिलने से राज्य सरकार की परेशानी बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी भी इसे लेकर काफी चिंतित हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि राज्य में स्वास्थ्य संरचनाएं उतनी समृद्ध नहीं हैं, जितनी केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि राज्यों में जहां कोरोना का संक्रमण समुदाय स्तर पर पहुंचने के कगार पर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिस रफ्तार से दूसरे राज्यों में संक्रमण फैल रहा है, उस रफ्तार से झारखंड में भी होता है तो स्थिति काफी खराब हो सकती है। इसका कारण यह है कि राज्य में वेंटिलेटर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) जैसे जरूरी संसाधन भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में लॉकडाउन का पूरी तरह अनुपालन कर संक्रमण से बचना ही बेहतर उपाय है।

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राज्य सरकार ने वेंटिलेटर, पीपीई एवं अन्य उपकरणों के क्रय के लिए ऑर्डर तो दिया है, लेकिन अभी तक इनकी खासकर वेंटिलेटर की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो सकी है। पीपीई की आपूर्ति तो शुरू हुई है, लेकिन इसकी संख्या काफी कम है। राज्य सरकार ने किसी तरह दिल्ली, राजकोट आदि से कुछ पीपीई मंगवाए हैं। वेंटिलेटर की बात करें, तो केंद्र सरकार से भी अभी तक कोई वेंटिलेटर राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुआ है। झारखंड इसके लिए फिलहाल रिम्स एवं अन्य मेडिकल कॉलेजों के अलावा निजी अस्पतालों के भरोसे ही है। रांची में पारस अस्पताल का तो जिला प्रशासन ने अधिग्रहण तो किया है, लेकिन वहां भी दो-तीन वेंटिलेटर ही उपलब्ध हैं।

हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के निदेशक डॉ. शैलेश कुमार चौरसिया का कहना है कि राज्य में अभी कोई पैनिक सिचुएशन नहीं है। आने वाले दिनों में इन उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाएगी। कई जगहों पर पीपीई उपलब्ध नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके उपयोग के लिए प्रोटोकॉल निर्धारित है, जिसके तहत ही इसका उपयोग किया जाना है। इस कार्य के लिए अभी राज्य सरकार के पास आवश्यक पीपीई उपलब्ध है।

झारखंड में जांच की गति भी कम

झारखंड में सैंपल जांच की गति भी काफी कम है। इसका कारण यह है कि यहां अभी तक दो जगहों रिम्स और एमजीएम में ही इसकी जांच हो रही है। जानकारों का कहना है कि जांच में तेजी लाने से अधिक मरीज सामने आ सकते हैं, जिससे संक्रमण बढऩे का खतरा कम किया जा सकता है। बता दें कि राज्य में अभी तक लगभग 300 सैंपल की जांच हुई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने जांच के लिए गाइडलाइन तय कर दी है, जिसके तहत प्रभावित देशों या राज्यों से लौटे उन लोगों या  कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने वाले की ही जांच की जानी है, जिनमें इसका लक्षण मिलता हो।

200 वेंटिलेटर ही उपलब्ध

झारखंड के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में लगभग 200 वेंटिलेटर ही उपलब्ध हैं। इनमें से लगभग 175 वेंटिलेटर तो सिर्फ रांची के अस्पतालों में उपलब्ध हैं। राज्य में कई ऐसे जिले हैं, जहां एक भी अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। रांची की बात करें तो रिम्स के पास 30 वेंटिलेटर ही चालू अवस्था में हैं।

अब 17 अस्पतालों में कोरोना का इलाज, 13 जिलों में 230 ICU बेड तैयार

झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना के पहला मरीज मिलने के बाद राज्य सरकार रेस हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को रांची में दो तथा 12 अन्य जिलों में कुल 17 अस्पतालों को कोरोना अस्पताल के रूप में घोषित कर दिया। इन अस्पतालों में सिर्फ कोरोना मरीजों का ही इलाज होगा। इन अस्पतालों में कुल 230 आइसीयू तथा 1394 नन आइसीयू बेड सुरक्षित रखे गए हैं।

इनमें से 30 आइसीयू बेड रांची के दो अस्पतालों रिम्स के ट्रामा सेंटर तथा पारस अस्पताल में हैं। वहीं, 200 आइसीयू 12 जिलों के अस्पतालों में तैयार रखे गए हैं। इसी तरह, रांची के दो अस्पतालों में 155 तथा 12 अन्य जिलों के अस्पतालों में 1239 नन आइसीयू बेड सुरक्षित रखे गए हैं। इनमें से रिम्स ट्रामा सेंटर के 25 तथा पारस अस्पताल के पांच बेड में ही वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है।

 

अस्पताल - आइसीयू बेड-  नन आइसीयू बेड

  1. रिम्स ट्रामा सेंटर 25  100
  2. पारस अस्पताल, धुर्वा 05  55
  3. सीसीएल अस्पताल रामगढ़ 15 120
  4. बीजीएच बोकारो 20  91
  5. केम मेमोरियल, बोकारो 15  45
  6. बीसीसीएल, धनबाद 10 100
  7. टाटा मेन हॉस्पिटल जमशेदपुर 37  130
  8. उमा सुपर अस्पताल, जमशेदपुर 06  100
  9. मां ललिता हॉस्पिटल देवघर 20 300
  10. ज्योति हॉस्पिटल मेराल गढ़वा 06  16
  11. होली फैमिली हॉस्पिटल कोडरमा 10   100
  12. कल्याण हॉस्पिटल  लोहरदगा 05  50
  13. आरोग्यम हॉस्पिटल हजारीबाग 25  35
  14. दुमका मेडिकल कॉलेज दुमका 15  60
  15. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हजारीबाग 05  26
  16. शांति भवन मेडिकल सेंटर सिमडेगा  06  26
  17. सदर अस्पताल गुमला 05  40

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