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घरों में ही अदा की अलविदा जुमा की नमाज

कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत किए गए आंशिक लॉकडाउन का असर रमजान पर भी देखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 08:21 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 08:21 PM (IST)
घरों में ही अदा की अलविदा जुमा की नमाज
घरों में ही अदा की अलविदा जुमा की नमाज

जासं, खूंटी-तोरपा : कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत किए गए आंशिक लॉकडाउन का असर रमजान पर भी देखा जा रहा है। शुक्रवार को रमजान के आखिरी जुमे (अलविदा जुमा) की नमाज मुस्लिम धर्मावलंबियों ने घरों में ही अदा की। मस्जिदों में निर्धारित संख्या के अनुसार ही नमाज अदा हुई। इस दौरान अकीदतमंदों ने खुदा से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निजात दिलाने और देश में अमन चैन कायम करने की दुआ मांगी। वहीं अलविदा जुमा की नमाज को लेकर पुलिस भी सतर्क रही। खूंटी, मुरहू, रनिया, तोरपा, तपकारा, कोचा व रोड़ो के मस्जिदों में शुक्रवार को रमजान के आखिरी जुमे की नमाज अदा की गई। लॉकडाउन के कारण मस्जिदों में कम संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। अधिकतर लोग अपने-अपने घरों में अलविदा जुमा की नमाज अदा की। रमजान के आखिरी जुमे को मस्जिदों के मौलानाओं ने भी घरों पर नमाज अदा करने की अपील की थी। तोरपा के सदर कलीम खान ने कहा कि रमजान के महीने में जुमा (शुक्रवार) का बड़ा ही महत्व होता है। खास तौर पर रमजान के आखिरी जुमा को अलविदा का जुमा कहा जाता है। इस खास दिन में हर बच्चे से लेकर नौजवान और बुजुर्ग रोजा रखते हैं। मस्जिद-ए-अक्शा के मौलाना शेर मोहम्मद खान ने कहा कि इस्लाम में रमजानुल मुबारक का हर दिन बड़ी ही रहमतों और बरकतों का होता है। इस पाक महीने में सवाब का दर्जा सत्तर गुना अधिक हो जाता है। जिसके चलते अधिक से अधिक लोग इबादतों और भलाई के कामों में मशगूल हो जाते हैं।

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