तीन माह में 70 फीसद आबादी के टीकाकरण के लिए रोज लगाना होगा 2.77 लाख टीका
राज्य ब्यूरो रांची झारखंड में कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण की रफ्तार कई राज्यों की तुलना में सुस्त है। हालांकि राज्य सरकार विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण की रफ्तार में तेजी लाने का लगातार प्रयास कर रही है।
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड में कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण की रफ्तार कई राज्यों की तुलना में सुस्त है। हालांकि, राज्य सरकार विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण की रफ्तार में तेजी लाने का लगातार प्रयास कर रही है। एक विशेष अभियान सफल होने के बाद दूसरा विशेष अभियान चार से 14 अप्रैल तक चलेगा। इस बीच सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण होगा। राज्य में अभी तक 14.42 लाख लोगों को पहली डोज का टीका लगा है। यदि राज्य की 70 फीसद आबादी को कोरोना से प्रतिरक्षित करना है, तो तीन अप्रैल से अगले तीन महीने तक रोज 2.77 लाख लोगों का टीकाकरण करना होगा।
राज्य की वर्तमान अनुमानित आबादी 3.77 करोड़ है। यदि इनमें से 70 फीसद आबादी के टीकाकरण लक्ष्य रखें, तो लगभग 2.64 करोड़ लोगों का टीकाकरण करना होगा। इनमें से 14.42 लाख को पहली डोज का टीका लग चुका है। शेष लगभग 2.49 करोड़ आबादी को पहली डोज का टीके का लक्ष्य अगले तीन माह में पूरा करने के लिए प्रतिदिन लगभग 2.77 लाख लोगों को टीका लगाना होगा।
इसी तरह, राज्य में 45 वर्ष से अधिक उम्र की आबादी लगभग 83 लाख है। इनमें लगभग 12 लाख को दूसरी डोज का टीका लग चुका है। शेष 71 लाख की आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य एक माह में पूरा करना है, तो प्रतिदिन लगभग 2.36 लाख लोगों को टीका लगान होगा। राज्य में टीकाकरण की क्षमता की बात करें, तो वर्तमान में प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख लोगों को टीका देने की क्षमता है। विशेष अभियान के तहत एक दिन में 1.40 लाख लोगों को यह टीका लग भी चुका है। जानकारों के अनुसार, राज्य को तीन से चार माह में 70 फीसद आबादी को प्रतिरक्षित करना है, तो प्रतिदिन अभियान मोड में टीकाकरण का कार्य करना होगा। राज्य में बड़ी समस्या लक्ष्य के अनुरूप टीकाकरण नहीं होना है। सामान्य दिनों प्रतिदिन लगभग 48 हजार टीकाकरण का लक्ष्य रखा जाता है, जबकि लक्ष्य के अनुरूप 40 से 45 फीसद लोगों को ही टीका लग पाता है। विशेष अभियान में ही 80 फीसद से अधिक लक्ष्य पूरा होता है।
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दूसरी डोज लेने में सुस्ती बड़ी समस्या :
राज्य में पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज लेने में सुस्ती भी बड़ी समस्या है। स्थिति यह है कि प्रतिदिन लक्ष्य के अनुरूप तीन से चार फीसद ही दूसरी डोज का टीकाकरण हो पाता है। पहली डोज लेने वाले लोगों में अभी तक 70 फीसद ने ही समय पर दूसरी डोज का टीका लिया है। बता दें कि कोरोना से प्रतिरक्षण के लिए दूसरी डोज का भी टीका लेना अनिवार्य है।
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केंद्र टीका देने को तैयार :
केंद्र सरकार से राज्य को टीका की डोज मिलने में कोई परेशानी नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंसिग में राज्य के पदाधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि आप लक्ष्य के अनुरूप टीका लगाते रहें, हम लगातार टीका भेजते रहेंगे। दरअसल, राज्य में लक्ष्य के अनुरूप टीकाकरण ही नहीं हो पा रहा है। राज्य टीकाकरण पदाधिकारी डा. अजित प्रसाद के अनुसार, केंद्र से मांग के अनुरूप समय पर टीका मिल रहा है। एक तरफ टीकाकरण हो रहा है, दूसरी तरफ केंद्र से लगातार टीका मिल भी रहा है। राज्य सरकार विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण की रफ्तार में तेजी लाने का प्रयास कर रही है।
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वर्तमान स्थिति :
- 23,12,500 डोज अभी तक केंद्र से झारखंड को प्राप्त हुए हैं।
- 14,41,526 लोगों का अबतक पहली डोज तथा 2,42,898 को दूसरी डोज का टीका लग चुका है।
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