कैंप लगाकर कराएं कोरोना की जांच, रैपिड एंटीजन से भी हो जांच
रांची केंद्र ने राज्य में अधिक से अधिक कांटैक्ट ट्रेसिंग कर संभावित कोरोना मरीजों की जांच कराने का निर्देश मुख्य सचिव को दिया है। इसके लिए अभियान चलाकर तथा अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में कैंप लगाकर कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने तथा जांच कराने को कहा है। इसमें मोबाइल लैब का भी उपयोग करने को कहा गया है।
रांची : केंद्र ने राज्य में अधिक से अधिक कांटैक्ट ट्रेसिंग कर संभावित कोरोना मरीजों की जांच कराने का निर्देश मुख्य सचिव को दिया है। इसके लिए अभियान चलाकर तथा अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में कैंप लगाकर कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने तथा जांच कराने को कहा है। इसमें मोबाइल लैब का भी उपयोग करने को कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइसीएमआर) के सचिव डॉ. बलराम भार्गव ने संयुक्त रूप से इसे लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। स्वास्थ्य विभाग अब इसकी तैयारी में जुट गया है।
केंद्र ने आइसीएमआर द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट की मंजूरी दिए जाने की जानकारी देते हुए इस विधि से भी कोरोना की जांच कराने को कहा है। अभी तक राज्य में आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) तथा ट्रूनेट मशीनों से ही कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच हो रही थी। रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट आधे घंटे के भीतर आ जाती है, जबकि आरटी-पीसीआर से रिपोर्ट आने में एक से दो दिन लग जाते हैं। रैपिड एंटीजन टेस्ट के तहत यदि किसी व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उसकी पुष्टि आरटी-पीसीआर टेस्ट से की जाती है। लेकिन, यदि किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उसे कोरोना पॉजिटिव मान लिया जाता है।
इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना जांच में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का भी निर्देश दिया है। इसके लिए राज्य में उपलब्ध सभी संसाधनों के उपयोग करने, निजी क्षेत्र में भी जांच की अधिक से अधिक स्वीकृति देने को कहा गया है। साथ ही जांच के लिए किसी चिकित्सक की अनुशंसा की बाधा को भी कम करने का सुझाव दिया गया है।
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