वैरिएंट की जल्द पहचान के लिए प्रयोगशालाओं का अच्छा नेटवर्क जरूरी, विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े डाक्टर ने कहा...
Jharkhand News कोरोना के नए वैरिएंट की जल्द पहचान करने के लिए प्रयोगशालाओं का एक अच्छा नेटवर्क होना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी से भी जुड़े पद्मश्री डा रणदीप गुलेरिया का ऐसा मानना है।
रांची, जागरण संवाददाता। Jharkhand News : कोरोना के नए वैरिएंट की जल्द पहचान करने के लिए प्रयोगशालाओं का एक अच्छा नेटवर्क होना जरूरी है। जिससे किसी भी म्यूटेशन का शीघ्र पता लगाया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी से भी जुड़े पद्मश्री डा रणदीप गुलेरिया जो नई दिल्ली एम्स के निदेशक भी है, उन्होंने न्यूज एंड पब्लिकेशन सोसाइटी, बीआईटी मेसरा ने एम्स नई दिल्ली की सहभागिता से एम्स नई दिल्ली के साथ आनलाइन माध्यम से एक संवाद सत्र का आयोजन में कहा।
मृत्यु की संख्या में नहीं देखी गई समान वृद्धि
इशिता श्रेष्ठ ने उनसे देश के टीकाकरण अभियान के बाद शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने पर अपने विचार रखने को कहा, जिस पर डा गुलेरिया ने जवाब दिया कि एक इम्युनोस्केप तथ्य के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की संख्या में समान वृद्धि नहीं देखी गई है, पर संक्रामकता में कमी आई है।
वैरिएंट की जल्द पहचान करने के लिए प्रयोगशालाओं का एक अच्छा नेटवर्क होना जरूरी
साक्षी शरण ने डा गुलेरिया से भविष्य में संभावित वैरिएंट के खिलाफ लोगों की तैयारियों के बारे में सवाल पूछा।
जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वैरिएंट की जल्द पहचान करने के लिए प्रयोगशालाओं का एक अच्छा नेटवर्क होना जरूरी है। जिससे किसी भी म्यूटेशन का शीघ्र पता लगाया जा सके।
वैक्सीन लेने में हिचकिचाहट गलत है : डा गुलेरिया
ऋषभ ठाकुर ने वैक्सीन के लिए संकोच तथा दूसरी खुराक छोड़ने वाले लोगों के कारण कोविड की समयसीमा से संबंधित प्रश्न पूछा। इस पर डा गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन लेने में हिचकिचाहट गलत है एवं इस समस्या से निपटने के लिए महामारी से संबंधित अफ़वाहों से पर्दा उठाने की सख्त जरूरत है।
विशेष रूप से मौजूद लोग
इस संवाद सत्र में बीआईटी मेसरा के कुलपति डा इंद्रनील मन्ना, एसोसिएट डीन आफ स्टूडेंट अफेयर्स डा केएस पटनायक, न्यूज एंड पब्लिकेशन सोसाइटी के संकाय सलाहकार डा विजयनाथ और क्लब के सदस्यों के तौर पर भवेश चतुर्वेदी, इशिता श्रेष्ठ, आयुष त्रिपाठी, ऋषभ ठाकुर, व साक्षी शरण विशेष रूप से मौजूद रहे।
पद्मश्री, बीसी राय पुरस्कार और डीआर सहित अन्य कई सम्मान से सम्मानित है डा गुलेरिया
डा रणदीप गुलेरिया का स्वागत बीआईटी मेसरा के कुलपति के द्वारा किया गया। उनकी सराहना करते हुए बताया कि किस प्रकार कोविड महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में वे पूरी निष्ठा के साथ देश की सेवा कर रहे। उन्होंने कहा कि डा गुलेरिया विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी से भी जुड़े हैं तथा उन्हें पद्मश्री, बीसी राय पुरस्कार और डीआर सहित अन्य कई सम्मान भी मिले हैं। उन्हें एम्स में सर्वप्रथम पल्मनेरी मेडिसिन और नींद विकार केंद्र स्थापित करने का भी श्रेय दिया जाता है।