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कोरोना संक्रमण पर सरकार की पैनी नजर, छह अप्रैल को होगी समीक्षा

राज्य ब्यूरो रांची राज्य सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगातार पैनी नजर रख रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं इस मामले में सजग हैं तथा प्रतिदिन स्वास्थ्य तथा आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारियों से विमर्श कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 07:58 PM (IST)
कोरोना संक्रमण पर सरकार की पैनी नजर, छह अप्रैल को होगी समीक्षा
कोरोना संक्रमण पर सरकार की पैनी नजर, छह अप्रैल को होगी समीक्षा

राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगातार पैनी नजर रख रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं इस मामले में सजग हैं तथा प्रतिदिन स्वास्थ्य तथा आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारियों से विमर्श कर रहे हैं। हाल के दिनों में संक्रमण तेजी से बढ़ने के कारण एक बार फिर कुछ सीमाओं तक प्रतिबंध लगाने को लेकर छह अप्रैल को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक होगी। इस बैठक में संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। कयास लगाया जा रहा है कि पार्क, सिनेमा के अलावा विभिन्न कार्यक्रमों में कुछ सीमाओं तक प्रतिबंध लगाया जा सकता है। फिलहाल धार्मिक कार्यक्रमों जैसे रामनवमी, सरहुल आदि के जुलूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। राज्य सरकार केंद्र के दिशा-निर्देश का भी इंतजार कर रही है।

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राज्य सरकार स्कूलों को खोलने को लेकर भी ऊहापोह की स्थिति में है। फिलहाल निचली कक्षाओं (कक्षा सात तक) के लिए स्कूल खुलने की कोई संभावना नहीं है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने एक अप्रैल से कक्षा एक से सात के लिए भी स्कूलों को खोलने की अनुमति आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मांगी थी। मार्च के अंतिम सप्ताह में इसपर निर्णय होना था, लेकिन अचानक संक्रमण बढ़ने से इसपर समीक्षा ही नहीं हुई। शिक्षा सचिव राहुल शर्मा के अनुसार, निचली कक्षाओं के लिए स्कूल तो खुले ही नहीं हैं। ऊपरी कक्षाओं के लिए स्कूल खुल रहे हैं, लेकिन अधिसंख्य सरकारी स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जहां संक्रमण काफी कम है। उनके अनुसार, शहरी क्षेत्रों में अधिसंख्य निजी स्कूल भी ऑनलाइन ही पढ़ाई करा रहे हैं। अब संक्रमण बढ़ने से राज्य सरकार ही इसपर निर्णय ले सकती है।

इधर, राज्य सरकार ने एक अप्रैल से आंगनबाड़ी केंद्रों को खोल दिया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने फरवरी माह में ही हुई बैठक में एक अप्रैल से आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि सभी आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका का इससे पहले टीकाकरण करा लिया जाएगा। हालांकि, उस समय संक्रमण बहुत कम गया था। अब संक्रमण तेजी से बढ़ने के कारण इसपर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास के निदेशक मनोज कुमार का कहना है कि विभाग वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर आंगनबाड़ी केंद्रों को फिर से बंद करने पर निर्णय लेगा तथा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रस्ताव देगा। फिलहाल सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं। लेकिन, बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार इसे फिर से बंद करने पर निर्णय ले सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि 90 फीसद सेविका व सहायिका का टीकाकरण हो चुका है। जिन केंद्रों की सेविका व सहायिका का टीकाकरण नहीं हुआ है, वे नहीं खुल रहे हैं। उनके अनुसार, सभी केंद्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। अन्य पदाधिकारियों के अलावा उन्होंने स्वयं कई केंद्रों का निरीक्षण किया था।

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