संक्रमण की यही रफ्तार रही तो अगले सप्ताह तक 40 हजार हो सकते हैं एक्टिव केस
राज्य ब्यूरो रांची राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज है कि खुद स्वास्थ्य विभाग का अनुमान फेल हो गया। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या का जितना अनुमान लगाया था उससे अधिक संक्रमित चार दिन पहले ही मिल गए।
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज है कि खुद स्वास्थ्य विभाग का अनुमान फेल हो गया। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या का जितना अनुमान लगाया था, उससे अधिक संक्रमित चार दिन पहले ही मिल गए। विभाग ने 21 अप्रैल तक कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या 24,061 होने का अनुमान लगाया था, लेकिन राज्य में 17 अप्रैल को ही संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 25,619 हो गई। इस तरह, अनुमान से चार दिन पहले ही अनुमानित मरीजों की संख्या पार हो गई।
राज्य में अभी संक्रमण की औसत वृद्धि दर लगभग दो फीसद है। वर्तमान में नए संक्रमित मिलने तथा पुराने मरीजों के स्वस्थ होने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या में प्रतिदिन औसतन दो हजार नए मरीज जुड़ रहे हैं। इस हिसाब से राज्य में संक्रमण की वर्तमान स्थिति भी रही, तो अगले सप्ताह अर्थात 24 अप्रैल तक राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या (एक्टिव केस) बढ़कर लगभग 40 हजार हो जाएगी।
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1300 ऑक्सीजन सपोर्टेड तथा 879 आइसीयू बेड की होगी आवश्यकता :
अगले सप्ताह तक संक्रमितों की संख्या 40 हजार हो जाने पर राज्य को 1300 ऑक्सीजन सपोर्टेड तथा 879 आइसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) बेड की आवश्यकता और होगी। जानकारों का मानना है कि यदि इनमें 80 फीसद मरीज होम आइसोलेशन में भी रहें, तो भी लगभग आठ हजार मरीजों के लिए बेड की आवश्यकता होगी। वर्तमान में जितने मरीज ऑक्सीजन या वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, उसके अनुसार राज्य को तीन हजार ऑक्सीजन बेड तथा डेढ़ हजार मरीजों को आइसीयू बेड की आवश्यकता होगी। वहीं, लगभग एक हजार वेंटिलेटर बेड की आवश्यकता होगी। वैसे मरीज जिनकी स्थिति माइल्ड है, उनके लिए भी लगभग ढाई हजार बेड की जरूरत होगी तथा इनके लिए भी ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। ऐसे में ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता 5,500 हो जाएगी। बेड की वर्तमान स्थिति की बात करें, तो फिलहाल सबसे अधिक कमी राजधानी रांची में है, जहां सरकारी एवं निजी दोनों अस्पतालों के बेड भरे हैं। मरीजों को बेड नहीं मिल रहा है। इसके अलावा धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो में भी बेड की कमी की बात सामने आ रही है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार रांची में बेड की आक्यूपेंसी रेट 78 फीसद ही दिखाई जा रही है। वहीं, धनबाद में 72 तथा पूर्वी सिंहभूम में 62 फीसद बेड भरे दिखाए जा रहे हैं।
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एक सप्ताह बाद कितने बेड, ऑक्सीजन व रेमडेसिविर की पड़ेगी जरूरत :
बेड/दवा - वर्तमान में उपलब्ध - आवश्यकता (अगले सप्ताह तक)
ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड - 4194 - 5,500
आइसीयू बेड - 640 - 1500
वेंटिलेटर - 621 - 1000
रेमडेसिविर - 00 - 5000 (प्रतिदिन)
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