धर्मातरण किसी कीमत पर स्वीकार्य नहीं: जगलाल पाहन
झिरगा टोली हथिया गोंदा में रविवार को सरना समाज का एक प्रतिनिधिमंडल पहुचा और लोगों से ईसाई धर्मप्रचारकों से बचकर रहने को कहा।
जागरण संवाददाता, रांची : झिरगा टोली हथिया गोंदा में रविवार को गांव के पाहन मालू पाहन की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। कुछ दिन पूर्व गांव के कुछ परिवारों को ईसाई धर्म में परिवर्तन करने के प्रयास किया गया था। इस हेतु लोगों को सजग रहने को कहा गया। मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने कहा कि सरना की रूढ़ीवादी परंपरा ही सर्वश्रेष्ठ है। ऐसी खूबसूरती अन्य धर्म में नहीं देखने को मिलेगी। ईसाई प्रचारकों के प्रभाव में आकर धर्मांतरण नहीं करना है। षड्यंत्रकारियों की मंशा कभी पूरी नहीं होने दी जाएगी। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि वर्तमान समय में आदिवासी समाज के ऊपर चौतरफा हमला किया जा रहा है। चर्च के माध्यम से आदिवासी समुदाय का अस्तित्व और अस्मिता खतरे में डाली जा रही है। आदिवासी की पहचान उनके रीति रिवाज और परंपरा के आधार पर होती है, इसके साथ छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक सह वार्ड एक के पार्षद नकुल तिर्की ने कहा कि ईसाई प्रचारकों द्वारा चाहे कितना ही प्रलोभन क्यों न दिया जाये अपना धर्म नहीं छोड़ना है। ईसाई प्रचारकों से सतर्क रहे। बैठक में केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक रामसहाय सिंह मुंडा, केंद्रीय सरना समिति के महासचिव कृष्णकांत टोप्पो, सचिव डब्लू मुंडा, अरुण पाहन, अनिल मुंडा, सुनील फकीरा कच्छप, लालू उरांव, मालती उरांव, अनिल उरांव, अंगतुक उरांव, रघुनाथ महतो, पिकी उरांव, मिसिर गोंदा सरना समिति के अध्यक्ष प्रदीप लकड़ा आदि उपस्थित थे। शनिवार को भी सरना समाज का एक प्रतिनिधिमंडल उस गांव में जाकर लोगों से मुलाकात किया।