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झारखंड के गांवों में प्रलोभन देकर धर्मांतरण, जांच के लिए एसआइटी गठित

गांवों में सुनियोजित तरीके से प्रलोभन देकर गरीब आदिवासियों एवं आदिम जनजाति के लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 01:05 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 01:14 PM (IST)
झारखंड के गांवों में प्रलोभन देकर धर्मांतरण, जांच के लिए एसआइटी गठित
झारखंड के गांवों में प्रलोभन देकर धर्मांतरण, जांच के लिए एसआइटी गठित

जेएनएन, रांची। झारखंड में संताल परगना के गांवों में सुनियोजित तरीके से प्रलोभन देकर गरीब आदिवासियों एवं आदिम जनजाति के लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है। कई गांवों में 60 से 90 फीसद लोगों का धर्मांतरण कराया गया है। एक ऑडियो सीडी सामने आने के बाद खुफिया विभाग ने रिपोर्ट तैयार कर पुलिस मुख्यालय को आगाह किया है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, इस खेल में कुछ सरकारी कर्मचारी भी सक्रिय रूप से शामिल हैं।

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पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के गांवों में धर्मांतरण का आरोप ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ संगठनों पर है। संगठन से जुड़े लोग भोलेभाले ग्रामीणों को कपड़ा, राशन, बकरा व दैनिक जरूरतों का सामान देने का लालच देकर धर्मांतरण करा रहे हैं। खुफिया विभाग की इस रिपोर्ट के बाद पाकुड़ के एसपी शैलेंद्र वर्णवाल ने बुधवार को एसआइटी का गठन किया। एसपी ने टीम को आदेश दिया है कि धर्मांतरण करवाने वालों को चिह्नित करें और उनके विरुद्ध कार्रवाई करें।

ऑडियो क्लिप में चौंकाने वाले तथ्य

खुफिया विभाग को एक ऑडियो क्लिप मिला, जिसमें पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के तीन गांव लकड़ा, गोविंदपुर व कोमोगोड़ा के सैकड़ों ग्रामीणों ने ईसाई धर्मगुरुओं के झांसे में आकर धर्म परिवर्तन का पर्दाफाश किया है। ऑडियो में हिंदू बहुल कोमोगोड़ा गांव का जिक्र है, जहां एक पुजारी का धर्मांतरण करते हुए मंदिर को तोड़कर चर्च बनाने की योजना है। लिट्टीपाड़ाक्षेत्र में गरीब लोगों को धर्मांतरण के लिए कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से इंदिरा आवास, वृद्धा पेंशन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सरकारी योजनाओं का प्रलोभन दिया जा रहा है।

आदिवासी गांवों में सर्वाधिक धर्मांतरण

लिट्टीपाड़ा प्रखंड के पहाडि़या व आदिवासी गांवों में धर्मांतरण सर्वाधिक हुआ है। दावा है कि करीब 90 फीसद पहाडि़या (आदिम जनजाति) और 60 फीसद आदिवासी समुदाय के लोगों का धर्मांतरण करवा दिया गया है। कुछ ग्रामीणों ने दबे स्वर में बताया कि मिशनरी से जुड़े कुछ लोग शाम ढलने के बाद धर्मांतरण के लिए निकलते हैं। गरीब लोगों के घरों में जाते हैं और उन्हें सुविधाओं का प्रलोभन देते हैं। लिट्टीपाड़ा के सरकारी विद्यालय के शिक्षक व उनकी शिक्षिका पत्नी भी स्कूल में शिक्षण के बाद धर्मांतरण के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई नए चर्च बन रहे हैं।

'लिट्टीपाड़ा समेत पूरे जिले में बड़े पैमाने पर ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण करवा रही हैं। चर्च निर्माण हो रहा है।'

-दुर्गा मरांडी, जिला उपाध्यक्ष, भाजपा


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