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ईसाई धर्म अपना चुके 50 महिला-पुरुष सनातन धर्म में वापस लौटे, कहा- लालच में आकर गलती कर बैठे

Conversion in Jharkhand Chatra News झारखंड के चतरा के हंटरगंज के कटैया में वैदिक रीति से संस्कार कराया गया। सैकड़ों लोग कार्यक्रम के गवाह बने। लोगों ने कहा कि आत्ममंथन के बाद अपनी गलती का एहसास हुआ और प्रायश्चित की ठानी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 07:14 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 05:42 PM (IST)
ईसाई धर्म अपना चुके 50 महिला-पुरुष सनातन धर्म में वापस लौटे, कहा- लालच में आकर गलती कर बैठे
Conversion in Jharkhand, Chatra News घर वापसी किए परिवार के लोग। जागरण

हंटरगंज (चतरा), जासं। Conversion in Jharkhand, Chatra News झारखंड के चतरा में धर्म बदल कर ईसाई बन चुके 50 स्त्री-पुरुषों ने मंगलवार को पुन: सनातन धर्म अपना लिया। चतरा के हंटरगंज प्रखंड के कटैया गांव स्थित देवी मंडप में उन्हें वैदिक रीति से संस्कारित किया गया। सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम के गवाह बने। बाद में सनातन धर्म में वापस लौटने वालों ने कहा कि वह लोभ-लालच में पड़ कर ईसाई बन गए थे। उस धर्म में हम घुटन महसूस कर रहे थे। आत्ममंथन के बाद अपनी गलती का एहसास हुआ और प्रायश्चित की ठानी।

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उसी मंशा से हमलोगों ने सामूहिक रूप से मां देवी से माफी मांगी, नारियल फोड़कर पूजा की और अपने मूल धर्म सनातन में वापस हो गए। सनातन में वापस लौटने वालों में बेबी देवी (पति सीताराम दास), कौशल्या देवी, रीता देवी, सवंती देवी, सावित्री देवी, पार्वती देवी, वंदना देवी, रामपति देवी, मिनी देवी, संगीता देवी, कलावती देवी, सुनीता देवी (पति मनोज यादव), मनीता कुमारी, बेलपतिया देवी, बेबी देवी (पति राजेंद्र भारती), सुनीता देवी ( पति संजय यादव), कांति देवी, बसंती देवी, उदय देवी, सुनीला देवी, सकुंती देवी, चमेली देवी, मनवा देवी, गुड्डी देवी, मोदी देवी, देववंती देवी, बसंती देवी (राजदेव पासवान), सुनीता देवी, अनीता देवी, पिंटू यादव, कैली देवी, वीरेंद्र चौधरी, छठन चौधरी, मुनवा देवी, पुनिया देवी, महेंद्र भारती, नरेश भारती, उपेंद्र यादव, रामस्वरूप यादव, शंकर भुइयां, सुकर भुइयां, अखिलेश दांगी, आदित्य यादव, पुन यादव, गोदावरी देवी, मुनिया देवी, मंजू देवी, जीरवा देवी, प्रतिमा देवी और सोना देवी (सभी ग्राम कटैया, थाना वशिष्ठनगर, जिला चतरा) के नाम शामिल हैं।

सनातन में वापस लौटने के बाद सीताराम दास की पत्नी बेवी देवी ने कहा कि हम बीमारी से आजिज थे। इलाज कराने घंघरी जा रहे थे। तभी पड़ोसी गांव के दो ईसाई धर्म प्रचारकों से भेंट हुई। उन्होंने कहा कि ईसाई धर्म अपना कर परमेश्वर की प्रार्थना करो, सब ठीक हो जाएगा। हमने वैसा ही किया, मगर कोई लाभ नहीं हुआ। सब छलावा लगा। फिर सोच विचार के बाद अपने मूल धर्म सनातन में वापस लौटने का फैसला किया। कुछ अन्य ने भी लोभ-लालच दिए जाने और भ्रमित किए जाने की बात कही।


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