6th JPSC Result 2020: छठी जेपीएससी के परीक्षा परिणाम पर विवाद, मेधा सूची में क्वालिफाइंग पेपर जुड़ने पर उठे सवाल
6th JPSC Result 2020. सिलेबस में पहले पत्र को क्वालिफाइंग पेपर बताया गया था। जेपीएससी के अनुसार विज्ञापन के अनुसार ही अंक जोड़े गए।
रांची, राज्य ब्यूरो। छठी सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम जारी होने के बाद इसपर फिर से विवाद उठने लगे हैं। कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार की गई मेधा सूची में पहले पत्र के भी अंक जोड़े गए, जबकि इसमें केवल 30 अंकों की अर्हता हासिल करनी थी। हालांकि इसपर आयोग का कहना है कि इस परीक्षा के जो विज्ञापन जारी किए गए थे उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कुल 1050 अंकों की परीक्षा होगी, जिसमें पहले पत्र का भी पूर्णांक शामिल है।
इसी आधार पर ही रिजल्ट प्रकाशित हुआ। दरअसल, मुख्य परीक्षा का पहला पत्र हिंदी और अंग्रेजी विषय का था। विज्ञापन में लिखा है कि छह पत्रों की परीक्षा का कुल पूर्णांक 1050 होगा। लेकिन सिलेबस में इस पत्र को क्वालिफाइंग पेपर बताया गया जिसमें न्यूनतम 30 अंक लाना अनिवार्य था। हालांकि सिलेबस में यह उल्लेख नहीं था कि इसका अंक मेधा सूची में जुड़ेगा या नहीं। गलत ठहरानेवाले अभ्यर्थियों का कहना है कि इस पत्र का अंक मेधा सूची में नहीं जोड़ा जा सकता। सिलेबस और विज्ञापन में स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख नहीं होने पर ही इसपर विवाद हो रहा है। इधर, आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अभ्यर्थियों के प्राप्तांक जारी कर दिए। अभ्यर्थी अपना क्रमांक तथा जन्म तिथि अपलोड कर अपना प्राप्तांक देख सकते हैं।
'विज्ञापन के अनुसार ही मेधा सूची बनाई गई है। पहले पेपर में न्यूनतम 30 अंक लाना अनिवार्य था। लेकिन इसका अंक मेधा सूची में जुडऩा था। इसमें कोई त्रुटि नहीं है।' -ज्ञानेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक, झारखंड लोक सेवा आयोग।
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