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कोरोना के चलते लटका 10-10 लाख गैलन क्षमता के दो बड़े जलागार का निर्माण

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने राजधानी में पानी की एक-एक बूंद सहेजने के तहत जलाश बनाए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 06:36 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 06:36 AM (IST)
कोरोना के चलते लटका 10-10 लाख गैलन क्षमता के दो बड़े जलागार का निर्माण
कोरोना के चलते लटका 10-10 लाख गैलन क्षमता के दो बड़े जलागार का निर्माण

जागरण संवाददाता, रांची : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने राजधानी में पानी की एक-एक बूंद सहेजने के लिए दो जलागार बनाए जा रहे हैं। इन जलागारों के बन जाने के बाद यहां बरसात के पानी को भी एकत्र कर उपयोग में लाए जाने की बात थी। बूटी में बन रहे ये दोनों जलागार 10-10 लाख गैलन क्षमता के हैं। पांच-पांच करोड़ रुपये की लागत से बन रहे ये जलागार अब कोरोना का प्रकोप खत्म होने के बाद ही बन कर तैयार हो पाएंगे। वैसे तो, इन जलागारों का निर्माण कार्य दिसंबर में ही पूरा हो जाना था। मगर कोरोना की वजह से निर्माण कार्य सुस्त होने के बाद ठप हो गया। इधर बीच फरवरी से जलागार में काम शुरू हुआ था। मगर, कोरोना की खतरनाक स्थिति को देखते हुए यहां काम फिर सुस्त हो गया है। यहां काम कर रहे कई मजदूर काम छोड़ कर चले गए हैं। यहां अभी 70 फीसद काम हो पाया है। 30 फीसद काम बाकी है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जलागार का निर्माण पूरा होने में महज दो महीने का काम बाकी है। लेकिन, कोरोना की वजह से काम नहीं हो पा रहा है। कोरोना का प्रकोप नहीं होता तो जून तक जलागार का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया होता।

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जलागार में रांची के लिए दो दिन का पानी हो सकेगा स्टोर

ये जलागार बन जाने से रांची के लिए दो दिन का पानी इसमें स्टोर हो सकेगा। इससे अगर, डैम में आई तकनीकी खराबी के चलते बूटी जलागार को पानी नहीं मिला तो तीन दिन तक वो रांची को पानी पिला सकेगा। अभी बूटी में जो जलागार हैं और यहां रांची को पानी पिलाने के लिए एक दिन का पानी स्टोर रहता है।

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बूटी में हो जाएंगे पांच जलागार

बूटी में अभी तीन जलागार हैं। ये जलागार नौ-नौ लाख गैलन क्षमता के हैं। इन जलागार में अभी 27 लाख गैलन पानी स्टोर होता है। यानि, रांची के लिए एक दिन का पानी स्टोर हो जाता है। बूटी जलागार के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अगर डैम में किसी तरह की तकनीकी खामी के चलते जलापूर्ति में दिक्कत आती है तो अभी उनके पास रांची को एक दिन पिलाने के लिए पानी का स्टोरेज रहता है। दो नए जलागार बन जाने के बाद बूटी में पांच जलागार हो जाएंगे।

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कोरोना की वजह से जलागार निर्माण का काम धीमा हो गया है। कोरोना का प्रकोप खत्म होने के दो महीने के अंदर ही दोनों जलागार का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

नीरज कुमार, कार्यपालक अभियंता बूटी जलागार


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