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पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू करे सरकार

पर्यटकों की सुविधा के साथ ही व्यवसायिक-आर्थिक ²ष्टिकोण से रेल मंत्रालय को काम करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 06:45 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 06:45 AM (IST)
पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू करे सरकार

जासं, रांची: पर्यटकों की सुविधा के साथ ही व्यवसायिक-आर्थिक ²ष्टिकोण से रेल मंत्रालय द्वारा स्वीकृत पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए फेडरेशन आफ झारखंड चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ने रेल मंत्री पियूष गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पारसनाथ से मधुबन प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं। यात्रियों को पारसनाथ स्टेशन पर उतरकर मधुबन तक का सफर सड़क मार्ग से ही तय करना पड़ता है, जिससे कठिनाई होती है। पत्र में चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने लिखा कि व्यावसायिक व आर्थिक ²ष्टिकोण से भी प्रस्तावित नई रेल लाइन महत्वपूर्ण है। उत्तर बिहार से कई तरह के खाद्यान्न मकई-चावल इत्यादि जो दक्षिण भारत जाते हैं, प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण से इसकी दूरी कम हो जाएगी। नार्थ इंडिया गुवाहाटी, मणिपुर, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश से आनेवाले यात्रियों के साथ ही दक्षिण भारत आनेवाले तीर्थ यात्रियों को सरल यातायात सुविधा मिलेगी, जिससे सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। पासरनाथ रेलवे स्टेशन (इसरी) से जिला मुख्यालय गिरिडीह के जुटने से कार्य हेतु मजदूर, व्यापार करनेवाले, फल-सब्जी बेचनेवाले हर नागरिक प्रभावित होंगे। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मेन लाइन, ग्रैंड कोड लाइन से जुड जायेगी जिससे उत्तर पूर्व के यात्रियों को भी सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी। चैंबर महासचिव राहुल मारू ने बताया कि कहा कि दुनियाभर में जैन धर्मावलंबियों के लिए प्रसिद्ध और आस्था का केंद्र श्री सम्मेद शिखरजी, मधुबन तक ट्रेन से तीर्थयात्रियों को पहुंचाने की केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप पारसनाथ से मधुबन और मधुबन से गिरिडीह रेलवे स्टेशन तक 49 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने की योजना स्वीकृत है तथा सभी सर्वेक्षण कार्य भी पूर्ण की जा चुकी है, कितु पर्याप्त बजटीय राशि आवंटित नहीं होने के कारण इस दिशा में अब तक अग्रतर कार्रवाई आरंभ नहीं हो सकी है। इससे पर्यटकों के साथ ही विशेषकर जैन धर्मावलंबियों के बीच उदासीनता है। फेडरेशन चैंबर द्वारा इस हेतु झारखंड के राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, महेश पोद्दार के अलावा सांसद रांची, धनबाद, गोड्डा, हजारीबाग, गिरिडीह, कोडरमा एवं चतरा को भी पत्राचार कर अपेक्षित प्रयास का आग्रह किया गया है।

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