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धनबाद में जल्द शुरू होगा झारखंड की पहली 8 लेन सड़क का काम, प्लान में नहीं होगा कोई बदलाव

मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग के संशोधित प्रस्ताव को दी स्वीकृति शाज की रिपोर्ट बनी आधार

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 12:51 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 12:51 AM (IST)
धनबाद में जल्द शुरू होगा झारखंड की पहली 8 लेन सड़क का काम, प्लान में नहीं होगा कोई बदलाव
धनबाद में जल्द शुरू होगा झारखंड की पहली 8 लेन सड़क का काम, प्लान में नहीं होगा कोई बदलाव

राज्य ब्यूरो, रांची : धनबाद में बन रहे राज्य के पहले आठ लेन रोड की बाधाएं खत्म हो गई हैं। स्टेट हाइवे अथारिटी आफ झारखंड (शाज) की अनुशंसा के आधार पर नगर विकास विभाग के संशोधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके पूर्व 20 किलोमीटर लंबी इस सड़क को आठ लेन की जगह फोर लेन करने की अनुशंसा की गई थी। यह अनुशंसा धनबाद के उपायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी, जिसमें बताया गया था कि ऐसा करने से सरकार के 45 करोड़ रुपये से अधिक बच जाएंगे। लेकिन, सड़क की उपयोगिता और पुरानी योजना में बदलाव से संभावित नुकसान अधिक होने का अनुमान भी लगाया जा रहा था। सड़क की चौड़ाई कम होने की स्थिति में एजेंसी भी बदलनी पड़ती और ऐसा होने से बचत का रास्ता निकाल रहे विभाग को नुकसान ही उठाना पड़ सकता था। सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराने को लेकर दैनिक जागरण ने सितंबर और अक्टूबर महीने में लगातार अभियान चलाकर सड़क खराब रहने से होने वाली समस्याओं और लोगों की सड़क से उम्मीदों तथा उनकी जरूरतों के प्रति शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया। अब निर्माण की बाधाएं दूर होने से अब जल्द ही इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा।

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दरअसल, सड़क की चौड़ाई आठ लेन से कम कर चार लेन बनाने को लेकर धनबाद उपायुक्त की अनुशंसा नगर विकास विभाग को प्राप्त हुई थी। विभाग ने इस आधार पर सड़क निर्माण विभाग के तकनीकी विग शाज से रिपोर्ट तलब की थी। शाज के तकनीकी जानकारों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर योजना में बदलाव किया जाता है तो सरकार के लिए फोर लेन की सड़क बनाना आठ लेन की सड़क से ज्यादा महंगा साबित हो सकता है।

शाज ने पुरानी योजना को उपयोगी बताया ही, साथ ही यह भी सुझाव दिया कि सरकार इस बदलाव से जितनी राशि बचाएगी उससे अधिक नुकसान होने की संभावना बनती है। काम करनेवाली एजेंसी काम छोड़ने के एवज में नुकसान की भरपाई का दावा कर सकती है और कहीं नई एजेंसी के चयन की परिस्थिति बनी तो इस एवज में खर्च होनेवाली राशि बचत की राशि से अधिक भी हो सकती है। इतना ही नहीं तकनीकी विग ने यह भी बताया कि फोर लेन सड़क के लिए फिर से डीपीआर बनवानी होगी जो खर्च को और बढ़ाएगी। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही इस योजना को अंतिम रूप दिया गया था। शाज के अनुसार इस सड़क की आवश्यकता कतई कम नहीं हुई है।

--------------- सड़क ले चुकी है आकार

सड़क के दोनों किनारे पर 90 फीसद नाली का निर्माण हो चुका है। इन नालियों के बन जाने से सड़क का आकार तय हो चुका था। अब आठ लेन जमीन पर चार लेन की सड़क बनती तो दोनों किनारों पर या तो खाली जमीन रहती या फिर इनका अतिक्रमण हो जाता। ऐसे में सरकार के लिए सिर्फ सड़क के निर्माण से संबंधित लागत बच रही थी जो 417 करोड़ रुपये की इस सड़क के लिहाज से बहुत ही कम है। ---------

मुख्यमंत्री ने संशोधित प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी है और इस आधार पर सड़क निर्माण विभाग को काम आगे बढ़ाने के लिए पत्र जारी कर दिया गया है।

विनय कुमार चौबे, नगर विकास सचिव, झारखंड।

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प्रमुख बातें

- 417 करोड़ रुपए में से लगभग 340 करोड़ रुपये पर खर्च

- एक बड़ा पुल, चार छोटा पुल व 41 कलवर्ट बनने हैं

- दो एजेंसियों को दिया गया है सड़क निर्माण का जिम्मा

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