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Tractor Rally: कृषि कानूनों के खिलाफ 31 जनवरी को ट्रैक्टर रैली करेगी कांग्रेस

Tractor Rally कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए 31 जनवरी को कांग्रेस ट्रैक्टर रैली का आयोजन करेगी। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि देश हित में इन कानूनों को वापस लेने की भी मांग की जाएगी। विधायक प्रदीप यादव को संयोजक बनाया गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 06:01 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 06:01 AM (IST)
Tractor Rally: कृषि कानूनों के खिलाफ 31 जनवरी को ट्रैक्टर रैली करेगी कांग्रेस
Tractor Rally: कृषि कानूनों के खिलाफ 31 जनवरी को कांग्रेस ट्रैक्टर रैली का आयोजन करेगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Tractor Rally कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए 31 जनवरी को कांग्रेस ट्रैक्टर रैली का आयोजन करेगी। यह रैली गोड्डा में कारगिल चौक से होते हुए देवघर के रोहिणी स्थित शहीद स्थल तक जाएगी। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने दावा किया कि शांतिपूर्ण ढंग से और लोकतांत्रिक तरीके से रैली के माध्यम से केंद्र का ध्यान आकर्षित करेंगे। देश हित में इन कानूनों को वापस लेने की भी मांग की जाएगी। रैली के आयोजन को लेकर पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक प्रदीप यादव को संयोजक बनाया गया है।

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उन्होंने कहा कि इस रैली की गूंज सिदो कान्हू की धरती से उठकर नई दिल्ली स्थित केंद्र सरकार तक सुनाई देगी। राज्य के पांचों प्रमंडल में इस तरह की रैलियां निकाली जाएंगी जिसके लिए अभी तिथि तय नहीं की गई है।कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कांग्रेस भवन में गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि गांधीवादी तरीके से एक मजबूत आवाज केंद्र सरकार के कानों तक पहुंचाई जाएगी वरना आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेगी।

गोड्डा में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव, विधायक दल नेता आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, पार्टी के विधायक और गठबंधन दल के नेता शिरकत करेंगे। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डा. राजेश गुप्ता छोटू भी उपस्थित थे।

बादल पत्रलेख ने कहा कि नई दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के साथ झारखंड की जनता और किसान भी पूरी ताकत के साथ 31 जनवरी को अपना समर्थन प्रकट करने के लिए सड़कों पर निकलेंगे। पूरे प्रदेश में बैठकें आयोजित कर किसानों को आमंत्रित किया जा रहा है। बुधवार को पतरातू में सभा थी, गुरुवार को खूंटी में और आगे गिरिडीह, कोडरमा, चतरा हर जगह के किसानों को बुलाया जा रहा है।

26 जनवरी की घटना की हो न्यायिक जांच

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने नई दिल्ली में 26 जनवरी की घटना की निंदा करते हुए कहा है कि वैसे लोग जो इस आंदोलन को असफल बनाना चाहते थे। उन्होंने षडयंत्र के तहत किसानों के आंदोलन को आक्रोशित करने का काम किया। उन्होंने इस घटना को लेकर राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय से न्यायिक जांच कराने का आग्रह किया है। निवेदन किया कि स्वत: संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए।

उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि आखिर रैली के लिए अनुमति किसने दी थी और उसने क्या तैयारियां की थीं। केंद्र सरकार की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि दर्जनों किसानों की जान गई लेकिन आक्रोश नहीं पनता। अचानक ऐसा क्या हुआ कि भीड़ आक्रोशित हो गई। 26 जनवरी जो हमारा गणतंत्र का दिन था उस दिन की घटना निंदनीय है। इस मुद्दे पर लोकसभा में विशेष सत्र आहूत कर बहस होनी चाहिए, राज्यों के विधानसभा और विधान परिषद में भी बहस होनी चाहिए।


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