दो दिन के बच्चे की हुई जटिल सर्जरी, जन्म के बाद से ही नाभी से बाहर रह गया था पेट का कुछ हिस्सा
टिमटिम मातुल्या हैल्थ केयर में एक दो दिन के बच्चे की ऐसे ही जटिल सर्जरी की गई। पीडियाट्रिक सर्जन डा. जैनेंद्र और एनेस्थेटिस्ट डा.सुप्रभात किरण ने यह सर्जरी की। डा.जैनेंद्र ने बताया कि गंभीर बीमारी का नाम ओमफलोसिल है इसमें बच्चों का गर्भ में ही ...
रांची(जागरण संवाददाता) । झारखंड राज्य पीडियाट्रिक सर्जरी के क्षेत्र में काफी विकास कर रहा है। बच्चो की एक से बढ़कर एक जटिल सर्जरी कर चिकित्सक उनकी जान बचा रहे हैं। शनिवार को टिमटिम मातुल्या हैल्थ केयर में एक दो दिन के बच्चे की ऐसे ही जटिल सर्जरी की गई। पीडियाट्रिक सर्जन डा. जैनेंद्र और एनेस्थेटिस्ट डा.सुप्रभात किरण ने यह सर्जरी की। डा.जैनेंद्र ने बताया कि गंभीर बीमारी का नाम ओमफलोसिल है, इसमें बच्चों का गर्भ में ही विकास के दौरान पेट के अंग नाभी द्वारा बाहर आ जाते हैं। सर्जरी नहीं होने की अवस्था में यह बाहर ही रह जाते हैं। कई बार ऐसे मरीज की जन्म के कुछ दिन बाद मौत भी हो जाती है। डाक्टरों के प्रयास से यह कठिन आपरेशन दो घंटे से अधिक चला। डा जैनेंद्र और डा सुप्रभात की टीम ने इसे सफलतापूर्वक आपरेट किया। उन्होंने बताया कि ऐसे केस में अमूमन 70 फीसदी बच्चों की मृत्यु हो जाती है। यह आपरेशन पहली बार विष्णुगढ़ के टिमटिम मातुल्या हैल्थ केयर हास्पिटल में किया गया। बच्चों के इस अस्पताल का उद्घाटन इसी माह 12 नवंबर को सांसद जयंत सिन्हा द्वारा किया गया था।