सेंट्रल जेल में खुदकशी करने वाले नाबालिग के परिजन को 3 लाख का मुआवजा Ranchi News
Jharkhand. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को इससे संबंधित स्वीकृति दी। इस पूरे प्रकरण पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को मुआवजा देने के लिए निर्देशित किया था।
रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के कांके के सुकुरहुट्टू निवासी नाबालिग सागर मुंडा की होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में दो अगस्त 2015 को खुदकशी मामले में सरकार ने उसके परिजन को तीन लाख रुपये के मुआवजे की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को इससे संबंधित स्वीकृति दी। इस पूरे प्रकरण पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को मुआवजा देने के लिए निर्देशित किया था। आयोग ने जांच में कारा प्रशासन की लापरवाही मानते हुए बतौर मुआवजा संबंधित राशि देने की अनुशंसा की थी।
बताते चलें कि सागर की होटवार की खुदकशी की घटना के बाद कांके में जमकर बवाल मचा था। उग्र भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि सागर मुंडा नाबालिग था। प्रमाण के तौर पर सागर के परिजनों ने सागर के शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराए थे।
इस आधार पर उसे रिमांड होम न भेजकर जेल भेजे जाने पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई थी। दरअसल उसपर गांव की ही अल्पसंख्यक समाज की एक नाबालिग लड़की को भगाने का सागर पर आरोप लगा था। उसके खिलाफ कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर 27 जुलाई 2015 को जेल भेज दिया था।