पेयजल मंत्री के जनता दरबार में कॉलेज शिक्षकों ने मांगा लाल कार्ड Ranchi News
Jharkhand. कॉलेज शिक्षकों ने मंत्री रामचंद्र सहिस के जनता दरबार में अपनी आर्थिक स्थिति की पीड़ा बयां की। कहा कि इस तरह शिक्षा की गुणवत्ता की आशा कैसे की जा सकती है।
रांची, राज्य ब्यूरो। जब शिक्षकों को ही एक सम्माजनक वेतन या मानदेय नहीं मिलेगा तो शिक्षा की गुणवत्ता की आशा कैसे की जा सकती है? मंगलवार को पेयजल एवं जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस के जनता दरबार में झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक संघ ने यह सवाल उनके समक्ष उठाया। कहा, इंटरमीडिएट कॉलेजों में घंटी पर रखे गए शिक्षकों को न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय मिलता है। ऐसे में सरकार उनका मानदेय बढ़ाए या फिर उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए लाल कार्ड ही उपलब्ध करा दे।
जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज के शिक्षक जावेद अख्तर के नेतृत्व में कॉलेज शिक्षकों ने मंत्री के समक्ष यह मामला उठाते हुए कहा कि उन्हें पारा शिक्षकों से भी कम मानदेय मिलता है। प्रत्येक कक्षा पर तीन सौ रुपये तथा अधिकतम आठ हजार रुपये एक माह में मिलते हैं। मंत्री ने यह मुद्दा शिक्षा विभाग के समक्ष उठाने का भरोसा दिलाया। एक अन्य मामले में तमाड़ की फरियादी रीना कुमारी ने पुश्तैनी जमीन विवाद में तमाड़ थाना के थानेदार चंद्रशेखर आजाद पर दबंगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बजाए उल्टे उसके भाई को जबरन थाने में बैठाने तथा धमकी देने का आरोप लगाया।
उसका कहना था कि जमीन विवाद होने पर एसडीएम कोर्ट ने जमीन नापी का आदेश दिया था, लेकिन दबंगों द्वारा उसकी जमीन पर जबरन बाउंड्री की जा रही है। इसकी शिकायत लेकर थाने गए तो थानेदार चंद्रशेखर आजाद ने दबंगों से प्रभावित होकर एकतरफा कार्रवाई करते हुए उसे भी जबरन थाने में बैठाने लगे। इसपर मंत्री ने थानेदार को फोन पर ही जमकर फटकार लगाई। मंत्री ने कहा कि इस लड़की को थाने में भेज रहा हूं, इसके साथ न्याय करिए। इसपर फरियादी डर से थाने नहीं जाने की बात कहते हुए फफक-फफक कर रोने लगी।
मंत्री ने थानेदार को कहा, यह काफी गंभीर मामला है, आखिर लड़की थाने जाने से क्यों डर रही है? थाने में टार्चर करते हैं? पूछा, किस नियम के तहत इसके भाई को थाने में रखे हैं? थानेदार के जवाब पर भी मंत्री ने नाराज होकर कहा कि इस तरह का जवाब मत दीजिए। उन्होंने इसकी शिकायत एसएसपी से भी करने की बात कही। मंत्री के समक्ष आई एक दर्जन से अधिक फरियादों में अधिसंख्य मामले डीप बोरिंग, पाइपलाइन बिछाने या तालाब निर्माण से जुड़े थे।
जलमीनारों के निर्माण की होगी जांच
इटकी के मुर्तजा अंसारी ने एक करोड़ की लागत से वर्ष 2011 में बने जलमीनार का उद्देश्य पूरा नहीं होने की शिकायत करते हुए कहा कि कहीं पाइपलाइन के अभाव में तो कहीं बोरिंग मशीन खराब हाने के कारण इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। वहीं 30 लाख से छोटा जलमीनार बनाकर वहीं पाइपलाइन बिछा दी गई जहां पहले से बिछी थी। इसपर मंत्री ने कई अन्य ऐसे मामले होने की बात कहते हुए उनकी जांच कराने की बात कही।