तापमान गिरने से बढ़ी ठंड, वूलेन बाजार में आई गर्मी
पिछले कई दिनों से लगातार तापमान गिरने से कनकनी काफी बढ़ गई है।
जासं, रांची : पिछले कई दिनों से लगातार तापमान गिरने से कनकनी काफी बढ़ गई है। दिन में लोग गुनगुनी धूप का आनंद लेते हैं। लेकिन शाम ढलते ही सर्दी से परेशान होने लगे हैं। ठंड के सारे कपड़े स्वेटर से लेकर दस्ताने व टोपी तक अलमीरा से निकल गए हैं। वहीं बाजार में भी ऊनी कपड़ों और कंबल की मांग बढ़ गई है। जींस के साथ लांग कोर्ट युवाओं की पहली पसंद बनी हुई है। इसके साथ ही लेदर जैकेट और मल्टीकलर कार्डिगन युवतियों को लुभा रहे हैं। बाजार की डिमांड को समझते हुए व्यापारियों ने अक्टूबर में ही नया स्टाक मंगा लिया था। कहा जाता है कि मौसम में बदलाव के साथ ही फैशन में भी बदलाव आता है। ऐसे में युवाओं की पसंद और डिमांड पर बाजार का फोकस है। लुधियाना के कंबल देंगे रांचीवासी को गर्मी
रांची में मुख्य रूप से पंजाब और कश्मीर से गर्म कपड़े मंगवाए जाते हैं। कंबल के लिए लुधियाना का बाजार प्रमुख है। इस वर्ष भी रांची के बाजार में लुधियाना के फर वाले कंबल की काफी मांग है। यह कंबल हल्का होने के साथ काफी गर्म होते हैं। अच्छी बात है कि यह बडे़ दुकानों से लेकर फुटपाथ पर भी मिल रहे हैं। अपर बाजार में गर्म कपड़ों के थोक व्यापारी हरिराम अग्रवाल बताते हैं कि कंबल में कई क्वालिटी हैं। ये 500 से लेकर 2700 रुपये तक में बाजार में उपलब्ध है। हालांकि, ब्रांडेड कंपनी के कंबल की कीमत व क्वालिटी इससे काफी अलग है। कोविड का असर थोक बाजार पर दिखा
व्यापारियों का कहना है कि कोविड के बाद से व्यापार की स्थिति में काफी बदलाव आया है। पहले रांची के व्यापारी थोक बाजार में माल आर्डर कर देते थे। इसके बाद माल प्राप्त करने पर 20 से 30 प्रतिशत तक की पेमेंट करते थे। बाकी के पैसे माल निकल जाने के बाद देते थे। अब कोविड का हवाला देते हुए थोक मंडी के व्यापारी केवल कैश में माल दे रहे हैं। वह भी पेमेंट एडवांस में ले रहे हैं। ऐसे में व्यापारी अधिक माल उठाने से कतरा रहे हैं। हालांकि त्योहारी मौसम में हुई बेहतर बिक्री से रांची के व्यापारियों को बड़ा बल मिला है। गर्म कपड़ों की औसत कीमत
जैकेट : 700 से 1400
लेदर जैकेट : 450 से 1400
लेडिज जैकेट : 1000
हुडीज : 500
स्वेटर : 350 से 1500
मल्टीकलर कार्डिगन : 350 से 600
टोपी : 50 से 250
मफलर : 50 से 200
ग्लब्स : 100 से 200
ऊलेन कुर्ती : 500 से 900 -- प्रतिक्रिया---------------
त्योहारी मौसम के बाद व्यापार में जान आई है। हालांकि हम कोविड से पहले और कोविड के बाद के व्यापार की तुलना नहीं कर सकते। यह एक अलग काल है, जिसमें व्यापार की परिभाषा अलग तरीके से परिभाषित हुई है। हालांकि ग्राहकों के उत्साह से हमें संतोष है।
अमन, संचालक, ऊल हाउस, मेन रोड फैशन हर वर्ष बदल रहा है। इस वर्ष भी काफी बदलाव देखने को मिला है। गर्म कपड़ों में ऊन के कपड़ों का कोई तोड़ नहीं है। इसके अलावा इस बार लेदर और फ्रैब्रिकेट मैटेरियल के कपड़ों की मांग बेहतर है। हमारे यहां हर ब्रांड के कपड़ों की विशाल रेंज है।
राजेंद्र जैन, संचालक, बिग शाप, मेन रोड