ठंड ने लोहरदगा वासियों के लिए बढ़ाई मुश्किलें, फसलों के नुकसान से किसान परेशान
लोहरदगा जिले में गुरुवार को अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। ठंड से राहगीर और सड़क पर दुकान लगाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। मजदूर वर्ग के लिए ठंड में परेशानी काफी बढ़ चुकी है।
- सुबह-शाम के समय ठंड से हो जाता है बुरा हालफोटो संख्या-57जागरण संवाददाता, लोहरदगा :
लोहरदगा, जागरण संवाददाता। लोहरदगा जिले में लोगों को ठंड से राहत मिलती हुई नजर नहीं आ रही है। सुबह और शाम के समय में ठंड से लोगों का बुरा हाल होता है। हरेक दिन ठंड का असर बढ़ता ही जा रहा है। जिससे सड़क पर सन्नाटा पसरा रहता है। तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। रात के समय ओस की बूंदें गिरने से मौसम सर्द हो रहा है। सुबह में कोहरा के साथ मौसम का मिजाज बदला-बदला लग रहा था। दोपहर बाद मौसम पूरी तरह से बदल गया। लोग दिन में ही जैकेट, मफलर, स्वेटर, टोपी पहन कर निकलने को मजबूर हो गए। इस मौसम में किसानों को अपनी फसल बचाने की चिंता सता रही है। पाला मारने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ चुका है।
फसलों को भारी नुकसान
आलू, मटर सहित अन्य फसलों को बचाने के लिए किसान खेतों में पटवन करते हुए नजर आ रहे हैं। इसके अलावा धुआं करते हुए भी फसलों को बचाने की कोशिश की जा रही है। लोहरदगा जिले में गुरुवार को अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। ठंड से राहगीर और सड़क पर दुकान लगाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। मजदूर वर्ग के लिए ठंड में परेशानी काफी बढ़ चुकी है। पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ठंड से सबसे अधिक परेशानी बीमार लोगों और छोटे बच्चों को हो रही है।
बढ़ने लगी बीमार लोगों की संख्या
अस्पतालों में बीमार लोगों की संख्या भी बढ़ने लगी है। मौसम आधारित बीमारियों की चपेट में आकर लोग परेशान नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी लोगों को लगातार परामर्श देते हुए ठंड से बचने को कहा जा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से कंबल वितरण और अलाव का प्रबंध करने से गरीब और जरूरतमंद लोगों को काफी हद तक राहत मिली है। तापमान में लगातार गिरावट होने से बाजार व्यवस्था और आम जनजीवन पर भी असर नजर आ रहा है।