कोल इंडिया को एक बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य
कोयला मंत्री के निर्देश पर कोल इंडिया ेका उत्पादन एक हजार मिलियन टन पहुंचाने क
संसू, खलारी : कोयला मंत्री के निर्देश पर कोल इंडिया ेका उत्पादन एक हजार मिलियन टन पहुंचाने का लक्ष्य लिया गया है। यह जानकारी कोयला मंत्रालय भारत सरकार के एडिशनल सेक्रटरी विनोद कुमार तिवारी ने दी। वीके तिवारी मंगलवार को खलारी, पिपरवार क्षेत्र में सीसीएल की कोयला खानों को देखने आए थे। उन्होंने बताया कि नीतिगत फैसले लेने से पहले ग्राउंड स्तर पर जाकर देखना जरूरी होता है। इसी के लिए वे कोयला मंत्रालय की ओर से आए हैं। कोयला सचिव सबसे पहले एनके एरिया अंतर्गत चूरी भूमिगत कोयला खदान का निरीक्षण किए। चूरी भूमिगत खदान में काम कर रही नई तकनीक की मशीन कंटीन्यूअस माइनर के बारे में जानकारी ली व इसके कार्यप्रणाली को देखा। कोयला सचिव सहित अन्य अधिकारी भूमिगत कोयला खदान के अंदर गए। खदान से निकलने के बाद बातचीत में कोयला सचिव ने कहा कि कोयला कर्मियों को पहले भूमिगत खदान में तीन किमी तक पैदल चलकर कार्यस्थल तक जाना-आना होता था। पर, तकनीक का सहारा लेते हुए इसे आसान कर दिया गया है। अब कोयलाकर्मी विशेष वाहन से काफी अंदर तक भी आसानी से आ-जा सकेंगे। कोयला लोडिंग भी नई तकनीक से की जा रही है। कोयलाकर्मियों में इसे लेकर उत्साह है। चूरी परियोजना की जो माइन छोटी थी वह 0.8 मिलियन टन तक उत्पादन कर पाएगी। रैयतों को नौकरी मुआवजा के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोल इंडिया की आर एंड आर पॉलिसी के तहत रैयतों को मुआवजा व अन्य सुविधाएं दी जाएगी। कोयला सचिव सहित अन्य अधिकारियों ने परियोजना परिसर में पौधारोपण भी किया। इसके बाद पिपरवार कोयला खदान का निरीक्षण किए। इस दौरे में निदेशक मिनिस्ट्री ऑफ कोल पीयूश कुमार व सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद भी साथ थे। एनके एरिया के महाप्रबंधक संजय कुमार ने खदान की जानकारी दी।