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Coal Crisis: देश की 21 परियोजनाओं को हजारीबाग से नहीं जा पा रहा कोयला, एनटीपीसी को 28 करोड़ का नुकसान

Coal Crisis in India Hazaribagh News NTPC Loss रैयतों के आंदोलन के कारण बानादाग कोयला साइडिंग से पांच दिनों से कोयले का उठाव ठप है। इससे एनटीपीसी को पांच दिनों में 28 करोड़ 80 लाख का नुकसान हुआ है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 08:48 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 08:54 PM (IST)
Coal Crisis: देश की 21 परियोजनाओं को हजारीबाग से नहीं जा पा रहा कोयला, एनटीपीसी को 28 करोड़ का नुकसान
Coal Crisis in India, Hazaribagh News, NTPC Loss बानादाग कोयला साइडिंग से पांच दिनों से कोयले का उठाव ठप है।

हजारीबाग, [विकास कुमार]। देश में जारी कोयला संकट के बीच हजारीबाग के बड़कागांव स्थित एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोयला परियोजना से भी देश की 21 विद्युत परियोजनाओं को कोयले की आपूर्ति नहीं की जा पा रही है। ऐसा रैयतों के आंदोलन के कारण कटकमदाग के बानादाग कोयला साइडिंग से कोयले का उठाव ठप होने से हुआ है। प्रत्येक दिन यहां से पांच से छह रैक देश के अलग-अलग हिस्सों में कोयला भेजा जा रहा था, लेकिन पांच अक्टूबर से लोडिंग नहीं हुई है। इसकी वजह से अब तक सिर्फ एनटीपीसी को 28 करोड़ 80 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। पांच से सात करोड़ रुपये का नुकसान रेलवे उठा चुकी है। यहां पांच दिन में करीब एक लाख 20 हजार टन कोयले का उठाव नहीं हो सका है।

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मुआवजा, रोजगार समेत 10 सूत्री मांगों को लेकर है आंदोलन

रैयत उचित मुआवजा, स्थानीय को रोजगार, प्रदूषण पर रोक, एनटीजी के दिए आदेश का पालन करने समेत 10 सूत्री मांगों को लेकर धरना पर हैं। भारी संख्या में रैयतों के यहां जमा होने से कोयले का उठाव पूरी तरह से ठप है। इस मामले में सरकारी काम में बाधा समेत अन्य धाराओं में तीन अलग-अलग मामले भी कटकमदाग थाने में दर्ज किए गए हैं। इसके बाद आठ अक्टूबर को आंदोलनकारी नेता मुन्ना सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन आंदोलन जारी है।

इन परियोजनाओं में नहीं जा रहा है कोयला

बिहार स्थित बाढ़, बोंगाईगांव, फरक्का, कहलगांव, नवीनगर, कांटी, बरौनी, रिहंद, ऊंचाहार, टंडा, दादरी, सोलापुर, कोरबा, तालचर समेत कई अन्य परियोजनाओं में यहां से कोयला नहीं जा पा रहा है।

'एनटीपीसी पकरी बरवाडीह एक बास्केट माइंस है। इस माइंस से एनटीपीसी की विभिन्न ताप परियोजनाओं को जरूरत के अनुसार कोयला उपलब्ध कराया जाता है। यहां से निकलने वाला कोयला महाराष्ट्र में सोलापुर, असम में बोगाईगांव, कर्नाटक में कुंडगी, मध्यप्रदेश में गडरवारा तथा बिहार में बरौनी में मौजूद एनटीपीसी के विद्युत संयंत्रों में जाता है। बानादाग साइडिंग बंद होने से संयंत्रों को कोयला उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।' -एमवीआर रेड्डी, कार्यकारी निदेशक, एनटीपीसी हजारीबाग।


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