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CM रघुवर दास से मिले कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, कहा- बंद खदानों को नहीं भर रहीं कोयला कंपनियां

रांची में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्रों में लोग धूल के बीच जीने को विवश हैं। कोयला मंत्रालय इन विसंगतियों को दूर करने की पहल करे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 07:41 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 07:41 PM (IST)
CM रघुवर दास से मिले कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, कहा- बंद खदानों को नहीं भर रहीं कोयला कंपनियां
CM रघुवर दास से मिले कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, कहा- बंद खदानों को नहीं भर रहीं कोयला कंपनियां

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बंद कोयला खदानों को लेकर कोयला कंपनियों के रुख पर नाराजगी जताई है। शुक्रवार को रांची में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक के क्रम में मुख्यमंत्री ने इस मामले को उठाया। कहा, खनन क्षेत्रों में लोग धूल के बीच जीने को विवश हैं। धूल के कारण लोगों को बीमारी हो रही है। दूषित जल पीना पड़ रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां माइनिंग समाप्त हो गई है, उस स्थान को भरकर वहां पार्क, पब्लिक यूटिलिटी आदि विकसित करना पॉलिसी के तहत आता है। लेकिन, कोयला कंपनियों द्वारा इस नियम की अनदेखी की जा रही है। खनन प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के क्रम में आम लोगों से बातचीत के दौरान यह बात मेरे संज्ञान में आई है। उन्होंने कहा कि वैसी सभी खदानें, जहां खनन कार्य समाप्त हो गया है, उसे भरकर उस जगह को विकसित किया जाए। वहां पार्क बनाए जाएं, स्थानीय लोगों को बसाया जाए। इससे लोगों को प्रदूषित धूल से भी मुक्ति मिलेगी और सरकार को भी लोगों को बसाने के लिए जमीन मुहैया हो सकेगी। सीएम ने कोयला मंत्रालय से इस मामले में पहल करने को कहा।

कोयला कंपनियों ने वादे पूरे नहीं किए

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के क्रम में मुझे ऐसी कई शिकायतें मिली हैं कि कोयला कंपनियों ने लोगों से जमीन तो ली, लेकिन उनसे किए वादे पूरे नहीं किए। कोयला मंत्रालय उन कंपनियों को वादा पूरा करने का निर्देश दे तथा खनन क्षेत्र में नागरिकों के कल्याण के लिए सुनियोजित कार्यक्रम चलाए। इस कार्य में राज्य सरकार हरसंभव सहायता करेगी।

खनन क्षेत्र में विस्थापितों को रोजगार मिले

मुख्यमंत्री ने खनन क्षेत्र में विस्थापितों के रोजगार से जुड़े मसले को भी उठाया। कहा, कोल इंडिया एवं इसकी सब्सिडियरी कंपनियां कोयला खनन क्षेत्र में परिवहन तथा उससे संबद्ध कार्यों में उस खनन क्षेत्र के विस्थापितों की भागीदारी सुनिश्चित करें।

जेएसएमडीसी को कोल ब्लॉक करें आवंटित

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कोयले का अकूत भंडार होने के बाद भी यहां के लोग गरीब हैं। राज्य सरकार लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। कोयला मंत्रालय झारखंड सरकार की इकाई जेएसएमडीसी (झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) को कोल ब्लॉक का आवंटन करे। इसके माध्यम से छोटे-छोटे उद्योगों को निर्बाध रूप से कोयले की आपूर्ति संभव हो पाएगी। लघु एवं कुटीर उद्योगों से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। उनके जीवन स्तर में बदलाव आएगा। 

खनन के लिए जमीन देने वालों को बीसीसीएल देगी नौकरी

केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) क्षेत्र में जिनकी जमीन खनन कार्य के लिए ली गई है, उनके परिवार के एक सदस्य को योग्यता और अर्हता के आधार पर नौकरी दी जाएगी।

सीएसआर के तहत कोल कंपनियां करेंगी कार्य

बैठक में स्पोट्र्स एकेडमी को और विस्तारित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, कोयला मंत्री ने कोल इंडिया और इसकी सब्सिडियरी कंपनियों के माध्यम से सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत राज्य सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप कार्य कराने पर अपनी सहमति दी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, खान विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह और कोयला मंत्रालय के वरीय अधिकारी उपस्थित थे।


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