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CM हेमंत सोरेन बोले, विस्थापितों की समस्या का जड़ से करेंगे निदान Jharkhand Budget Session

Jharkhand Budget Session. विधानसभा में ध्यानाकर्षण के दौरान अंबा प्रसाद ने उठाया पकरी-बरवाडीह खनन परियोजना से जुड़े विस्थापितों का मामला।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 07:56 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 11:19 PM (IST)
CM हेमंत सोरेन बोले, विस्थापितों की समस्या का जड़ से करेंगे निदान Jharkhand Budget Session
CM हेमंत सोरेन बोले, विस्थापितों की समस्या का जड़ से करेंगे निदान Jharkhand Budget Session

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उद्योग, सिंचाई व खनन परियोजनाओं के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण से उत्पन्न विवादों की समस्या के स्थायी समाधान का भरोसा दिलाया है। बुधवार को विधानसभा में उन्होंने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार विस्थापन आयोग का गठन कर रैयतों की समस्याओं का जड़ से समाधान करेगी। कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद द्वारा पकरी-बरवाडीह के विस्थापितों का मामला उठाने पर सीएम ने यह भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कई बड़े उद्योगों की स्थापना, डैम व खनन कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया, जिससे बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए।

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मुआवजा व नौकरी की शिकायतें लगातार आ रहीं हैं, कुछ मामले तो 25-30 वर्ष पुराने हैं। कौडिय़ों के भाव जमीन ली गई। सीएनटी-एसपीटी एक्ट के बावजूद जमीन ली गई। अब लोग जागरूक हुए हैं, इसलिए कहीं न कहीं भूमि अधिग्रहण को लेकर रोष है। कहा, केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण कानून 2013 लाई थी, जिसमें उचित मुआवजे का प्रावधान था। लेकिन पूर्व की सरकार में इस कानून की अवहेलना हुई। सरकार भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर गंभीर है। आने वाले समय में विस्थापन आयोग का गठन कर जड़ से समस्या का निदान करेंगे।

इससे पूर्व अंबा प्रसाद ने पकरी-बरवाडीह का मामला उठाते हुए कहा कि वहां कोल बेयरिंग एक्ट के तहत मुआवजा दिया गया, जिसकी दर काफी कम है। वहां, महज 20 लाख प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया गया, जबकि गोड्डा में 55 लाख रुपये की दर से मुआवजा दिया गया है। जमीन विवाद को लेकर गोली चली, चार लोग मारे गए। उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व मां पूर्व विधायक निर्मला देवी समेत कई लोगों पर केस दर्ज किया गया और नक्सली बंदी के दिन मुआवजा तय किया गया।

उन्होंने मांग की कि 80 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा का भुगतान किया जाए। प्रदीप यादव ने भी कहा कि एक करोड़ रुपये मुआवजा तय होना चाहिए, इससे सरकार के खजाने पर बोझ भी नहीं पड़ेगा, भुगतान एनटीपीसी करेगी। प्रभारी मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि पूर्व में यह सवाल आया था। प्रमंडलीय आयुक्त की कमेटी से पूरे मामले की जांच कराएंगे। इस बीच मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए विस्थापितों की समस्या का जड़ से निदान करने और विस्थापन आयोग गठित करने की घोषणा की।


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