Jharkhand Cabinet: हेमंत ने अंतिम वक्त में टाला मंत्रिमंडल विस्तार, कांग्रेस को सिर्फ 4 मंत्री पद
कांग्रेस की ओर से पहले गुरुवार शाम तक मंत्रिमंडल के लिए अपने विधायकों की सूची देने की बात तय हुई थी लेकिन सूची नहीं मिलने के कारण मुख्यमंत्री ने विस्तार टालने का निर्णय किया।
खास बातें
- सुबह राज्यपाल से मिलकर मांगा वक्त, शाम में टाल दिया निर्णय
- हत्याकांड से मन व्यथित होने को बताया कारण, पूरी जानकारी दी गवर्नर को
- लग रहे कयास, कांग्रेस ने नहीं सौंपी मंत्रिमंडल के सदस्यों की सूची
- कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह झाविमो के दो विधायकों को आलाकमान से मिलाने में लगे रहे
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल का विस्तार फिलहाल टल गया है। गुरुवार की सुबह मंत्रिमंडल विस्तार के लिए उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर शुक्रवार को अपराह्न एक बजे का समय मांगा था। इसके बाद वे पश्चिम सिंहभूम गए, जहां गुदड़ी प्रखंड में सात आदिवासियों की निर्मम हत्या हुई थी। घटनास्थल से लौटने के बाद उन्होंने दोबारा शाम में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार के कार्यक्रम को टालने का आग्रह किया।
जानकारी दी गई कि घटनास्थल से लौटने के बाद मुख्यमंत्री मर्माहत हैं और उन्होंने राजभवन से फिलहाल कार्यक्रम को टालने का आग्रह किया है। मंत्रिमंडल विस्तार की कोई नई तारीख तय नहीं हो सकी है। अब 26 जनवरी के बाद ही इस बाबत कवायद तेज होने की संभावना है। उधर यह कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के रवैये के कारण हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल का विस्तार फिलहाल टल गया है।
कांग्रेस की ओर से पहले गुरुवार शाम तक मंत्रिमंडल के लिए अपने विधायकों की सूची देने की बात तय हुई थी, लेकिन सूची नहीं मिलने के कारण मुख्यमंत्री ने विस्तार टालने का निर्णय किया। हालांकि प्रदेश कांग्रेस की ओर से इस बाबत स्पष्ट तौर पर कोई बोलने को तैयार नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह हेमंत कैबिनेट में मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि कांग्रेस के सारे फैसले दिल्ली में तय होते हैैं और वहीं इस सूची के बारे में कुछ बताया जा सकता है।
उधर नई दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस की कोर टीम आरपीएन सिंह के नेतृत्व में झाविमो के दो विधायकों प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कराने में लगी रही। बताया जाता है कि प्रदीप यादव और बंधु तिर्की में से एक को कांग्रेस हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल कराना चाहती है। झाविमो के भाजपा में प्रस्तावित विलय के मद्देनजर दोनों विधायक सुरक्षित राजनीतिक भविष्य की तलाश में कांग्रेस की शरण में आए हैैं।
बिरसा मंडप में हो गई थी पूरी तैयारी
शुक्रवार को दोपहर एक बजे राजभवन के बिरसा मंडप में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन शाम में यह टल गया।
झामुमो को छह व कांग्रेस को दो और मंत्री पद
मंत्रिमंडल विस्तार में झामुमो से छह और कांग्रेस से दो और विधायकों को मंत्री पद दिए जाने की संभावना थी। इसपर सहमति बन गई है। इस तरह कांग्रेस को चार मंत्री पद मिलेंगे। राजद को एक पद पहले ही दे दिया गया है। गौरतलब है कि हेमंत सोरेन ने बीते 29 दिसंबर को तीन मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री के साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता शामिल थे।
चार विधायकों पर एक मंत्री का फार्मूला
बताया जा रहा है कि नए फार्मूले के मुताबिक झामुमो को मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत सात और कांग्रेस को चार पद मिलेंगे। जानकारी के मुताबिक इसी पर कांग्रेस आलाकमान संग सहमति बनाने में कामयाबी मिली है। इसी आधार पर कांग्रेस के कोटे में मंत्रियों के चार पद आएंगे जबकि कांग्रेस छह पद की दावेदारी कर रही थी। विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 16 है जबकि झामुमो के पास 30 विधायक हैैं।
वर्तमान फार्मूले के मुताबिक मंत्रिमंडल का विस्तार होने से झामुमो ज्यादा लाभ में रहेगा। झामुमो के पास स्पीकर का पद होने का तर्क देकर भी कांग्रेस ने एक मंत्री पद पर दावा ठोका था, जिसपर सहमति नहीं बन पाई। हो सकता है कि मंत्रिमंडल विस्तार की नई तारीख तय होने के बाद इसी फार्मूले पर विस्तार किया जाए।
किसकी किन विभागों पर दावेदारी
झामुमो के पास गृह विभाग, ग्रामीण विकास, भूमि सुधार एïवं राजस्व, पथ निर्माण, ऊर्जा विभाग, भवन निर्माण विभाग सरीखे महत्वपूर्ण विभाग होने की संभावना है। कांग्रेस के कोटे के मंत्रियों के पास शिक्षा, कृषि, खाद्य आपूर्ति, नगर विकास आदि विभाग रहेंगे। आलमगीर आलम को पूर्व में ही संसदीय कार्य विभाग दिया जा चुका है।