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देखिए सरकार, विधायक जी बिना मास्क के... नेताओं के आगे हवा-हवाई नियम... Jharkhand Assembly

Hemant Soren Jharkhand News झारखंड में अभी मास्‍क चेकिंग अभियान पूरे जोर पर है। वहीं शुक्रवार को विधानसभा में कई माननीय विधायक बिना मास्क के नजर आए। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कोरोना संक्रमण महामारी के नियमों की अनदेखी पर कहा कि इनसे दंड वसूला जाए।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 07:11 PM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 11:03 PM (IST)
देखिए सरकार, विधायक जी बिना मास्क के... नेताओं के आगे हवा-हवाई नियम... Jharkhand Assembly
Hemant Soren, Jharkhand News: झारखंड में अभी मास्‍क चेकिंग अभियान पूरे जोर पर है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren, Jharkhand News कोरोना संक्रमण के एक बार फिर बढ़ने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने सख्ती से मास्क पहनने के नियम को लागू किया है लेकिन झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान तमाम माननीय इस नियम के पालन से दूरी बनाते नजर आए। 70 फीसद से अधिक विधायकों ने मास्क नहीं पहना था।

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भाजपा विधायक सीपी सिंह ने व्यवस्था के तहत इस मामले को उठाया। कहा, समाचार पत्रों में छपा है कि मास्क न पहनने वालों से चार लाख रुपये वसूले गए। लेकिन जो सदन कानून बनाता है वहां कई सदस्य मास्क नहीं पहने हैं। कहा, एक तरफ तो गरीब लोगों से मास्क न पहनने पर पैसा वसूला जा रहा है और कानून बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले माननीय सदस्य इसका पालन नहीं कर रहे हैं। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।

उन्होंने कहा कि सभी से दंड वसूला जाए। सीपी सिंह द्वारा इस मामले को उठाने के साथ ही तमाम विधायकों ने अपने चेहरे मास्क से ढके। सत्ता पक्ष को सीपी सिंह का तंज रास नहीं आया। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने पलटावार करते हुए कहा कि सदन 26 से चल रहा है। रिकार्डिंग निकाल ली जाए और फिर फाइन वसूला जाए।

16 विभागों का हाईकोर्ट में बतौर अधिवक्ता पक्ष रखते हैं पूर्व मुख्य सचिव एके सिंह

झारखंड उच्च न्यायालय में सरकार का पक्ष रखने जवाबदेही मुख्य रूप से दो ही अधिवक्ता निभा रहे हैं। पूर्व मुख्य सचिव एके सिंह 33 विभागों में से 16 विभागों का पक्ष उच्च न्यायालय में रखते हैं जबकि रिचा संचिता दो विभागों का। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने बंधु तिर्की के सवाल के जवाब में यह जानकारी देते हुए स्वीकारा कि यह जांच का विषय है।

संसदीय कार्यमंत्री ने स्वीकारा, बोले- यह जांच का विषय

बंधु तिर्की ने अल्पसूचित प्रश्न काल में इस मामले को उठाते हुए कहा कि कोर्ट में लगभग 150 ऑटोनोमस बॉडी हैं, उनमें से 80 प्रतिशत निकायों का जिम्मा सिर्फ दो वकील अशोक कुमार सिंह (पूर्व मुख्य सचिव) और रिचा संचिता को ही है। एके सिंह ने सात साल की प्रैक्टिस के मानक का भी पालन नहीं किया, एक वर्ष बाद ही ऑटोनोमस बॉडी के वकील हो गए। उन्होंने कहा कि मेधावी वकीलों की हकमारी हो रही है। सरकार ऐसे वकीलों को हटाने पर विचार करे।


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