आइएमए की मांग : हरियाणा की तर्ज पर राज्य में हो क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो
झारखंड आइएमए ने हरियाणा की तर्ज पर राज्य में क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की मांग की है
जासं, रांची : झारखंड आइएमए ने हरियाणा की तर्ज पर राज्य में क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की मांग की है। इस एक्ट में संशोधन करने की मांग की है। ताकि इसका लाभ यहां के मरीजों को मिल सके। एक्ट को लेकर राज्य भर से जुटे डाक्टरों ने आइएमए भवन में रविवार को जुटे और इस पर जोरदार ढंग से चर्चा की गई। आइएमए के प्रदेश सचिव डा. प्रदीप सिंह ने बताया कि मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में भी इस एक्ट को लागू कर दिया गया है, जिसका सीधा प्रभाव झारखंड की गरीब जनता पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि आइएमए ने हरियाणा की तर्ज पर 50 शैय्या वाले अस्पतालों के छूट को झारखंड में भी लागू करने की मांग की है। इसके अलावा बड़े अस्पतालों को भी पूर्ण अर्हताओं के अनुपालन के लिए पांच साल की शिथिलता अवधि बढ़ाने की मांग की है। इसके अलावा पारा मेडिकल कर्मियों की भारी कमी हो देखते हुए पहले की तरह अस्पतालों द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र को योग्यता प्रमाण पत्र के तौर पर स्वीकार करने की मांग रखी है।
उन्होंने बताया कि एक्ट के लागू होने से जो इलाज पहले 5000 में हो जाता था उसके लिए अब मरीजों को दो से चार लाख तक खर्च करना पड़ रहा है। अगर एक्ट में संशोधन नहीं होता है तो राज्य के कई छोटे क्लीनिक व नर्सिंग होम बंद हो जाएंगे। कारपोरेट हॉस्पिटल में मरीजों को जो इलाज में खर्च आ रहा है वही स्थिति अब इन छोटे नर्सिंग होम में दिख रहा है। आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डा अजय सिंह ने बताया कि इसके अलावा राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट अभी तक लागू नहीं किया गया है सरकार सिर्फ इस एक्ट को लेकर अभी तक चितन कर रही है। जबकि 22 राज्यों में यह एक्ट लागू है। उन्होंने प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द लागू करने की मांग की है।
आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर एके सिंह ने बताया कि छोटे अस्पतालों में बेहतर इलाज के लिए इस एक्ट में संशोधन बेहद जरूरी है। इसे लेकर आईएमए ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह 50 बेड वाले नर्सिंग होम या अस्पतालों को इस एक्ट से मुक्त रखें ताकि मरीजों को सस्ती दर पर इलाज मिल सके। अगर इस एक्ट का पालन किया गया तो अस्पताल में एएनएम नर्स की जगह जीएनएम नर्स को ही रखा जाएगा, जिससे छोटे अस्पतालों का खर्च अधिक आ रहा है और इससे मरीजों का इलाज महंगा हो रहा है।
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आइएमए महिला विग ने युवा डाक्टरों के लिए उठाई आवाज :
आइएमए महिला विग की अध्यक्ष डा. भारती कश्यप ने बताया कि सरकार जहां छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके स्टार्टअप के लिए विशेष लोन की व्यवस्था की सुविधा दे रही है वहीं दूसरी ओर युवा डाक्टरों के स्टार्टअप को क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के द्वारा प्रोत्साहित करने की बजाए उसे खत्म किया जा रहा है और उन्हें कॉरपोरेट अस्पतालों में काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इसमें आम जनता का यह नुकसान है कि युवा प्रशिक्षित डाक्टर की छोटी क्लीनिक में इलाज बड़े कॉरपोरेट अस्पताल की अपेक्षा सस्ता और अच्छा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के मॉड्यूल की तरह 50 बेड तक वाले हास्पिटल को क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के दायरे से बाहर रखा जाए। सरकार अस्पतालों के लिए जरूरी सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सिगल विडो सिस्टम लागू करें और वह टाइम बाउंड हो एक महीने के अंदर सर्टिफिकेट बना दिया जाए क्योंकि छोटे-छोटे क्लिनिको में प्रबंधकों की बड़ी टीम नहीं होती है। हर जिले में क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट में आईएमए प्रतिनिधियों को रखने का प्रावधान है लेकिन इसका भी अनुपालन नहीं हो पाया है।
एनएबीएच की क्वालिटी की सर्वोच्च मान्यता देने के लिए भी एनएबीएच की कमेटी भी पुराने बने अस्पतालों को कुछ छूट देती है। नए बने अस्पतालों पर उनके नियम पूरी तरह लागू होते है। यह जो क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट है यह तो युवा प्रशिक्षित डाक्टर को बड़े बड़े कॉरपोरेट अस्पताल में काम करने के लिए मजबूर कर दे रहा है।
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प्रदेश आइएमए चुनाव के लिए नामांकन शुरू :
आइएमए झारखंड चुनाव के लिए नामांकन भरने का समय शुरू हो गया है। चुनाव पदाधिकारी डा अमित मोहन ने बताया कि प्रदेश आइएमए का चुनाव 19 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। नामांकन भरने की तिथि 12 से 27 नवंबर तक रखा गया है, लेकिन इन तीन दिनों में अभी तक किसी ने एक भी नामांकन नहीं भरा है। इसके बाद फॅार्म की स्क्रूटनी 29 नवंबर को किया जाएगा। नाम वापस लेने की तिथि एक दिसंबर रखी गई है। इसके बाद चयनित उम्मीदवारों के नाम तीन दिसंबर को जारी किया जाएगा। चुनाव 19 दिसंबर और 25 दिसंबर को रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
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15 पदों के लिए होगा चुनाव :
प्रदेश आइएमए के 15 पदों के लिए चुनाव आयोजित होगा। इसमें अध्यक्ष के लिए एक पद, उपाधीक्षक व संयुक्त सचिव के लिए छह-छह पद रखे गए हैं। जबकि सचिव और कोषाध्यक्ष के लिए एक-एक पद पर चुनाव होगा। इसके अलावे अध्यक्ष, उपाधीक्षक, सचिव और कोषाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार को आइएमए का कम से कम 10 वर्ष का सदस्य होना जरूरी है। साथ ही प्रदेश या जिला आईएमए में कार्यकारिणी सदस्य के रूप में काम किया हो। अध्यक्ष पद के लिए 15 हजार रुपये नामांकन फी रखी गई है।