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सफाई ट्रैक्टर मालिकों की हड़ताल खत्म, आज से डंप होगा कूड़ा

रांची डेली वेज बढ़ाने की मांग कर रहे सफाई ट्रैक्टर मालिकों की हड़ताल गुरुवार को खत्म हो गई। नगर निगम के अधिकारियों ने ट्रैक्टर के संचालकों को आश्वासन दिया कि डेली वेज को बढ़ाने के लिए नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। आश्वासन मिलने के बाद ट्रैक्टर संचालक शुक्रवार से कूड़ा उठाने के लिए राजी हो गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 05:56 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 06:35 AM (IST)
सफाई ट्रैक्टर मालिकों की हड़ताल खत्म, आज से डंप होगा कूड़ा
सफाई ट्रैक्टर मालिकों की हड़ताल खत्म, आज से डंप होगा कूड़ा

जागरण संवाददाता, रांची :

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डेली वेज बढ़ाने की मांग कर रहे सफाई ट्रैक्टर मालिकों की हड़ताल गुरुवार को खत्म हो गई। नगर निगम के अधिकारियों ने ट्रैक्टर के संचालकों को आश्वासन दिया कि डेली वेज को बढ़ाने के लिए नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। आश्वासन मिलने के बाद ट्रैक्टर संचालक शुक्रवार से कूड़ा उठाने के लिए राजी हो गए।

इधर दो दिन से जारी हड़ताल से एमटीएस से कूड़े का उठाव नहीं हो सका। दो दिनों तक शहर के विभिन्न भागों से कचरा तो उठाया गया, लेकिन उसे डंप नहीं किया गया। नतीजतन दो दिन का कूड़ा एमटीएस में ही पड़ा रहा। आज से कूड़े का उठाव शुरू हो जाएगा। 500 रुपये प्रति ट्रिप की मांग कर रहे हैं ट्रैक्टर संचालक -

शहर के विभिन्न क्षेत्रों व एमटीएस से कूड़े का उठाव कर झीरी डंप करने के लिए ट्रैक्टर संचालकों को हर ट्रिप के लिए 333 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा दूरी के आधार पर उन्हें डीजल भी उपलब्ध कराया जाता है। ट्रैक्टर संचालकों की मांग है कि 500 रुपये प्रति ट्रिप मिले। उनका कहना है कि कई सालों से उनके डेली वेज में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। बता दें कि शहर के कूड़े को झीरी यार्ड में डंप करने के लिए लगभग 200 ट्रैक्टर संचालित होते हैं। इन बातों से भी है संचालकों में नाराजगी -

- झीरी में ट्रैक्टरों को तौलने के लिए एक ही कांटा है, एक ट्रैक्टर को तौलने में करीब पांच मिनट का समय लगता है, ऐसे में ड्राइवरों को तीन घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता है।

- डीजल भरवाने के लिए निगम द्वारा दिए गए कूपन की वैधता एक दिन ही है, पेट्रोल पंप भी एक ही है। शाम छह बजे डीजल भरवाने के लिए गए ट्रैक्टर को रात नौ बजे तक भी तेल नहीं मिल पाता है। पहले कूपन की वैधता एक सप्ताह थी।

- यदि संचालक 2000 रुपये का बिल देते हैं तो नगर निगम के द्वारा उन्हें 1900 रुपये ही दिए जाते हैं।

- नगर निगम के अधिकारियों का बर्ताव ड्राइवरों के साथ अच्छा नहीं है। अब निगम ने इन मामलों में सुधार का भरोसा दिया है।


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