SDPO प्रकाश चंद्र को क्लीन चिट, विधायक अंबा प्रसाद के सारे आरोप खारिज; जानें पूरा मामला
बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने एसडीपीओ प्रकाश चंद्र महतो पर विधानसभा चुनाव 2019 में पद के दुरुपयोग व पक्षपातपूर्ण कार्य का आरोप लगाया था। जांच में एसडीपीओ पर लगाए गए विधायक के आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई।
राज्य ब्यूरो, रांची : रामगढ़ जिले के पतरातू एसडीपीओ प्रकाश चंद्र महतो पर लगाए गए बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। विधायक अंबा प्रसाद ने पतरातू के तत्कालीन एसडीपीओ प्रकाश चंद्र महतो पर झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 में पद के दुरुपयोग व पक्षपातपूर्ण कार्य करने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस मुख्यालय के आदेश पर रामगढ़ के एसपी ने पूरे मामले की जांच की थी।
रामगढ़ के एसपी ने पतरातू थानेदार सहित पतरातू अनुमंडल के सभी पुलिसकर्मियों का भी बयान लिया। सभी पुलिसकर्मियों-पुलिस पदाधिकारियों ने अपने बयान में कहा कि एसडीपीओ पतरातू या किसी भी वरीय पदाधिकारी ने उन्हें किसी खास प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने के लिए कोई आदेश नहीं दिया था। यहां एसडीपीओ प्रकाश चंद्र महतो पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई।
एसपी को जांच में यह जानकारी मिली कि विधानसभा चुनाव के पूर्व एसडीपीओ प्रकाश चंद्र महतो ने रात्रि में पतरातू थाने के हाइवे पेट्रोलिंग वाहन की जांच की, तो जांच के दौरान पतरातू थाने में प्रतिनियुक्त चालक उपेंद्र कुमार ड्यूटी से गायब मिला था। उसके स्थान पर मिठू पासवान नामक दूसरा व्यक्ति गाड़ी चला रहा था। पूछताछ में पता चला कि उपेंद्र कुमार अपने स्थान पर ड्यूटी के एवज में मिठू को चार हजार रुपये महीना देते हैं। इसके बाद एसडीपीओ ने चालक सिपाही उपेंद्र कुमार से स्पष्टीकरण पूछा था। इसके बाद चालक सिपाही उपेंद्र कुमार को वहां से हटा दिया गया था।
कुछ दिनों के बाद ही इंटरनेट मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ कि पतरातू थाने का चालक सिपाही उपेंद्र कुमार बड़कागांव की प्रत्याशी को टेलीफोन पर बताया है कि एसडीपीओ प्रकाश चंद्र महतो ने बड़कागांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के किसी खास दल के प्रतिनिधि के पक्ष में मदद करने के लिए अपने पदाधिकारियों-जवानों को निर्देशित किया है।
जांच में सभी आरोप गलत साबित हुए। इस संदर्भ में मुख्य चुनाव पदाधिकारी झारखंड व तत्कालीन नोडल पदाधिकारी एडीजी अभियान के दिशा-निर्देश पर चालक सिपाही उपेंद्र कुमार को निलंबित किया गया था और उनके विरुद्ध आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का दोषी पाते हुए पतरातू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।