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जरूर पढ़ें यह खबर, अब प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी देनी होगी जैक की आठवीं बोर्ड परीक्षा

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने इसे बारे में आदेश जारी किया है। राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए जैक की 8वीं बोर्ड परीक्षा आवश्यक है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 11:47 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 11:47 AM (IST)
जरूर पढ़ें यह खबर, अब प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी देनी होगी जैक की आठवीं बोर्ड परीक्षा
जरूर पढ़ें यह खबर, अब प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी देनी होगी जैक की आठवीं बोर्ड परीक्षा

रांची, राज्य ब्यूरो। JAC 8th Board - निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त सभी निजी विद्यालयों के बच्चों को भी झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित होनेवाली आठवीं बोर्ड की परीक्षा देनी होगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सूचना जारी किया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक तथा झारखंड एकेडमिक काउंसिल के सचिव के हवाले से जारी सूचना में कहा गया है कि वैसे निजी विद्यालय जो आरटीई के तहत मान्यता प्राप्त हैं या इसके लिए आवेदन दिया है उन सभी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को जैक द्वारा आयोजित की जानेवाली आठवीं कक्षा की परीक्षा में आवश्यक रूप से शामिल किया जाएगा।

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इसके लिए इन विद्यालयों के प्राचार्यों को अपना आवेदन जिला शिक्षा पदाधिकारी को देने का निर्देश दिया गया है। इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के एक पदाधिकारी का कहना है कि चूंकि सभी निजी स्कूलों को कक्षा एक से आठ के लिए मान्यता राज्य सरकार देती है, इसलिए अधिनियम के तहत उन्हें अनिवार्य रूप से अपने बच्चों को आठवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल कराना होगा।

उनके अनुसार, सीबीएसई या अन्य बोर्ड कक्षा नौ से बारहवीं तक की ही संबद्धता देता है। कक्षा एक से आठ तक के लिए राज्य सरकार मान्यता आरटीई के तहत मान्यता देती है। बता दें कि आरटीई के तहत आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि इसमें असफल होनेवाले विद्यार्थियों को एक और परीक्षा देने की छूट का भी प्रावधान किया गया है।

बड़ी संख्या में स्कूलों ने नहीं ली है मान्यता

राज्य में बड़ी संख्या में निजी विद्यालयों ने आरटीई के तहत मान्यता ही नहीं लिया है। जबकि आरटीई के तहत मान्यता लेना अनिवार्य किया गया है। निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि वे मान्यता लेने को तैयार हैं, लेकिन आरटीई के कई बिंदुओं पर उनका विरोध है। 


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