तब प्रेस कांफ्रेंस कर गो हत्या का किया था एलान, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की जमानत याचिका खारिज
Jharkhand. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज की। बंधु तिर्की पर पत्थलगड़ी को लेकर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप है।
रांची, जासं। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की मुश्किल कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में पहले से ही जेल में बंद बंधु को एक और झटका लगा है। अपर न्यायायुक्त एसके पांडेय की अदालत ने मंगलवार को पत्थलगड़ी व काली गाय की बलि देने के बयान में जमानत याचिका खारिज कर दी।
जानकारी के अनुसार नौ अक्टूबर को न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत से जमानत खारिज होने के बाद ऊपरी अदालत में अपील की गई थी। मामला पंडारा/सुखदेवनगर थाना क्षेत्र का है। 27 नवंबर 2017 को एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया(एचएडब्लूओ) की दीप्ती महाजन की लिखित शिकायत पर पंडरा ओपी में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
काली गाय की बलि देने की बात कह फंसे थे बंधु
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 9 नवंबर 2017 को बंधु तिर्की ने प्रेस कांफ्रेंस कर पत्थलगड़ी को आदिवासी परंपरा का हिस्सा बताया था। कहा था कि आदिवासी शव दफनाने की जगह पर और गांव की सीमा पर पत्थलगड़ी करते हैं। सरकार इसे संविधान व राष्ट्र विरोधी बताकर आदिवासियों को बरगला रही है। वहीं, दूसरी ओर उन्होंने कहा था कि गोहत्या पर प्रतिबंध के बावजूद 17 फरवरी 2018 को बनहोरा के बेंगाबुरु टोंगरी गांव में काली गाय की बलि देंगे। सरकार में हिम्मत है तो रोक कर देखे।