खून की कमी से गर्भवती की मौत, जिंदा करने के नाम पर 8 घंटे तक चला प्रार्थना का खेल Chatra News
Jharkhand Hindi News Chatra News बबीता को मंगलवार की सुबह अचानक पेट में दर्द होने लगा। उसे तत्काल गांव के चिकित्सक के पास ले जाया गया। लेकिन वह नहीं बची। उसे जिंदा करने के लिए आठ घंटे तक प्रार्थना का दौर चलता रहा। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
प्रतापपुर (चतरा), जासं। चतरा जिले प्रतापपुर थाना क्षेत्र के हरहर सिजुआ गांव निवासी अमरजीत पासवान की 23 वर्षीय पत्नी बबीता देवी की मौत मंगलवार को हो गई। वह आठ माह की गर्भवती थी। वर्तमान समय में वह मायका प्रतापपुर थाना क्षेत्र के मझगांवा गांव निवासी अपने पिता गणेश पासवान के घर में रह रही थी। मृतका के पिता गणेश पासवान ने बताया कि बबीता को मंगलवार की सुबह अचानक पेट में दर्द होने लगा। उसे तत्काल गांव के ग्रामीण चिकित्सक के पास ले जाया गया।
लेकिन उसने इलाज करने में असमर्थता बताते हुए बाहर ले जाने की सलाह दी। बाद में उसे बिहार के गया जिले के रानीगंज में एक डाक्टर से दिखाया गया। डाक्टर ने उसे खून की कमी बताया तथा बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल गया रेफर कर दिया। लेकिन गया ले जाने के क्रम में बांकेबाजार के पास उसकी मौत हो गई। मायके वाले उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच कुछ लोग उसके घर पर पहुंचे और मृत बबीता देवी को जिंदा करने का दावा करने लगे।
मृतका को जिंदा करने का हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। गणेश पासवान के घर में ही करीब आठ घंटों तक परम पिता परमेश्वर के अनुयायियों ने विभिन्न तरीकों से मंत्रोच्चारण किया। इस दौरान गणेश पासवान के घर के बाहर सैकड़ों लोग तमाशबीन बने रहे। लेकिन इस प्रार्थना का कोई परिणाम नहीं निकला। बाद में ग्रामीणों तथा परिजनों के दबाव में रात के ग्यारह बजे मृतका का दाह संस्कार कर दिया गया।
मतांतरण का चल रहा खेल, हर सप्ताह होता है धार्मिक आयोजन
प्रखंड के नदई तथा मझगांवां गांव के ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक रविवार को सुरेश दास के घर पर धार्मिक आयोजन होता है। इसमें प्रार्थना सभा होती है। प्रार्थना सभा के माध्यम से मतांतरण के लिए प्रेरित किया जाता है। एक धर्म विशेष के लोग ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं। सभा में नंदई एवं आस पास के सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। ग्रामीण में उत्तम कुमार, अमरदीप कुमार एवं कांती प्रसाद का नाम शामिल है।
आरोप है कि इसके बहाने भोले-भाले ग्रामीणों का मतांतरण कराया जाता है। सिदकी पंचायत की मुखिया सरिता देवी का कहना है कि मंगलवार को मृतका को जीवित करने का अंधविश्वासी खेल चला है। बिहार से कुछ लोग आए थे। जब मुझे जानकारी हुई, तो वहां से उन्हें भगाया गया। प्रार्थना सभा की जानकारी उन्हें नहीं है। प्रखंड विकास पदाधिकारी मुरली यादव ने कहा हिक उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।