Jharkhand Elections 2019: रैलियों में शुरू हो गया गीतों का तड़का, ऐसे बन रही झारखंड में चुनावी रणनीति
राजद की रैली में समां बांध गए छोटू छलिया। आजसू कांग्रेस और जदयू भी बना रहे वोटरों को लुभाने के लिए चुनाव प्रचार की जनसभाओं में गीतों की छौंक डालने की रणनीति।
रांची, [जागरण स्पेशल]। झारखंड में विधानसभा चुनाव की आहट को ले जहां सभी राजनीतिक दल रेस हो गए हैं वहीं रैलियों और जनसभाओं का भी पूरे राज्य में सिलसिला चल पड़ा है। रैलियों और जनसभाओं में भीड़ जुटाने से लेकर लोगों को बांधे रखने और उनके दिल तक पहुंचने के लिए तरह-तरह के तरीके भी आजमाए जा रहे हैं। गंभीर, प्रवाही और उत्तेजक भाषणों के साथ-साथ इन सभाओं को सरस बनाने के लिए मंच पर गायकों की भी एंट्री हो गई है।
राजधानी रांची मेें आयोजित राजद की जनाक्रोश रैली में प्रसिद्ध भोजपुरी गायक छोटू छलिया लोगों को झुमा कर गए तो अन्य दलों ने भी इस ओर ध्यान देना शुरू किया है। सूत्रों की मानें तो आजसू, कांग्रेस और जदयू की जनसभाओं से भी जल्द ही गीत-संगीत का तड़का लगनेवाला है। राजद की रैलियों और जनसभाओं में भोजपुरी गायकों की प्रस्तुति की बात कोई नहीं है।
लालू की पार्टी अब झारखंड में भी यह नुस्खा आजमा रही है। छोटू छलिया का गीत उठा, जागा तेजा हे तेजस्वी.... लोगों की जुबान पर चढ़ा है। गीत के माध्यम से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पिछड़ों और गरीबों का मसीहा बताते हुए उनके नाम पर राष्ट्रीय जनता दल को वोट देने की अपील की गई है। गीत में यह भी स्पष्ट किया गया है कि लालू को जेल जाना एक राजनीतिक साजिश है और राजद को मजबूत कर इस साजिश को तोड़ा जा सकता है।
आगे की पंक्तियों में गायक यह भी कहता है कि बिहार और झारखंड के जमीनी विकास के लिए आम आदमी लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव की तरफ देख रहे हैं। साथ ही लालू के जेल जाने से लालू परिवार और राजद पर आई विपदा को राबड़ी देवी की जुबानी मार्मिक अपील के रूप में गाया गया है। चुनावी रैलियों में इस तरह के गीतों की प्रस्तुति को लोगों की भावनाओं को छूने के साथ-साथ बिहार के निवासियों और भोजपुरी भाषियों को लामबंद करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।