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बच्चों ने कैनवास पर जगन्नाथपुर मंदिर उकेर कर भरे रंग

व‌र्ल्ड हेरिटेज वीक के अवसर पर सोमवार को ऑड्रेहाउस में दो दिवसीय चित्रांकन प्रतियोगतिा होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 04:21 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:22 AM (IST)
बच्चों ने कैनवास पर जगन्नाथपुर मंदिर उकेर कर भरे रंग
बच्चों ने कैनवास पर जगन्नाथपुर मंदिर उकेर कर भरे रंग

जागरण संवाददाता, रांची : व‌र्ल्ड हेरिटेज वीक के अवसर पर सोमवार को ऑड्रेहाउस में दो दिवसीय पेंटिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसका आयोजन सांस्कृतिक निदेशालय पुरातत्व प्रक्षेत्र के द्वारा कलाकृति आर्ट ऑफ स्कूल के संयोजन से किया गया था। वर्कशॉप में बच्चों ने कैनवास पर विश्व धरोहर की तस्वीरें बनाई। इसमें रांची का जगन्नाथपुर मंदिर भी शामिल है। इसमें 17 बच्चे शामिल हुए। आज भी वर्कशॉप चलेगा। बेहतरीन कलाकृति को पांच दिनों तक चलने वाली प्रदर्शनी में लगाया जाएगा। कुछ चुनिंदा कलाकृति को स्थायी तौर पर ऑड्रे हाउस की प्रदर्शनी में लगाया जाएगा। मुख्य अतिथि उपनिदेशक, पुरातत्व डॉ अमिताभ कुमार ने कहा कि हम अपने अमूल्य धरोहरों को भूलते जा रहे हैं। इस प्रकार का आयोजन अपने धरोहरों के प्रति बच्चों में रूचि जागृत करने के लिए किया गया है। मौके पर आइटीएचआरडी के राज्य प्रमुख एसडी सिंह, धनंजय कुमार आदि शामिल थे।

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ये प्रतिभागी हुए शामिल:

तनीषा, अर्चना, शिखा, आरती, कोमल, आयशा, हर्ष, सुरुचि, विकास, अनिकेत, हर्षिता, अंजलि, सृष्टि, श्वेता, माधुरी, शुभम, कुणाल, सुमीत

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प्रदर्शनी में लगेंगी 50 से ज्यादा कलाकृतियां

व‌र्ल्ड हेरिटेज वीक के अवसर पर मंगलवार को ऑड्रे हाउस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से भारत के विश्व धरोहर स्मारक विषयक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय 11:30 बजे कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। विश्व धरोहर के समाज में जागृति लाने के लिए प्रतिवर्ष 19 नवंबर से 25 नवंबर तक व‌र्ल्ड हेरिटेज वीक मनाया जाता है। प्रदर्शनी में देश के विश्व धरोहर की 50 से ज्यादा कलाकृतियां लगायी जाएंगी। इसमें आगरा का किला, अजंता गुफाएं, एलोरा गुफाएं, ताज महल, सूर्य मंदिर कोणार्क आदि शामिल है। धरोहरों से रू-ब-रू होने के लिए आसपास के स्कूलों के बच्चों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

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लेख:::::

38 विश्व धरोहर स्थल हैं भारत में

विश्वदाय स्मारक अथवा स्थल युनेस्को द्वारा चयनित एक ऐसा क्षेत्र अथवा भूखंड है जो सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक या किसी अन्य रूप में महत्व रखता है तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक वैध क्षेत्र है। इन स्थलों का चुनाव उनके संपूर्ण मानवता के प्रति सार्वभौमिक महत्व को देखते हुए किया जाता है। इस समय विश्व में कुल 1092 विश्वदाय स्थल हैं। विश्व धरोहर स्थल के तीन वर्ग हैं, सांस्कृतिक, प्राकृतिक तथा मिश्रित रूप वाले। सांस्कृतिक विरासत के स्थलों में ऐतिहासिक इमारतें व शहर, महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल, विराट प्रतिमाएं तथा चित्रकारी आदि आते हैं। प्राकृतिक धरोहरों में वे स्थल आते हैं जहां पृथ्वी पर जीवन और इसके विकास के उत्कृष्ट उदाहरण विद्यमान हैं। कोई प्राकृतिक दुर्लभ, अद्वितीय या अविश्वनीय घटना के प्रमाण हैं, असाधारण सुंदरता है, दुर्लभ व विलुप्तप्राय वनस्पति अथवा प्राणियों के आरामगाह हैं या फिर ऐसे स्थल हैं जिसकी जैव विविधता अपवाद की श्रेणी में आती है। मिश्रित धरोहर के स्थलों में प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक दोनों की विशेषताएं मौजूद होती है। भारत में इस समय कुल 38 विश्व धरोहर स्थल है इनमें 30 सांस्कृतिक स्थल, सात प्राकृतिक स्थल एवं एक मिश्रित स्थल स्वरूप वाला है।

1972 में संयुक्त राष्ट्रसंघ की शाखा युनेस्को के अधिवेशन में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक व प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा करना है। सार्वभौम महत्व के ऐसे स्मारक व स्थल जो समस्त मानव जाति के लिए समान रुप से महत्वपूर्ण है परंतु पैसे के अभाव व उचित देख-देख में विनष्ट होते जा रहे थे, उनकी सूची बनाकर युनेस्को ने उनकी सुरक्षा करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का कर्तव्य माना। इस पर 146 देशों ने अपनी सहमति दी।

एसके भगत, अधीक्षण पुरातत्वविद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, रांची मंडल


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