़मुख्य सचिव ने कहा, बच्चों को अपनी संस्कृति, भाषा व राष्ट्र के प्रति समर्पित रहने के लिए करें तैयार
मुख्य सचिव डीके तिवारी ने कहा कि बच्चे को अपनी संस्कृति भाषा एवं राष्ट्र के प्रति सचेत करे। वे बुधवार को सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर कड़िया मुंडा आरएएसएस के अजय कुमार सहित कई लोग थे।
जागरण संवाददाता, रांची : मुख्य सचिव डीके तिवारी ने कहा कि बच्चे को अपनी संस्कृति, भाषा एवं राष्ट्र के प्रति समर्पित होने के लिए तैयार करने की जरूरत है। जब हम आवश्यकता से अधिक वस्तुओं का उपभोग या संग्रह करने लगते हैं तो कूड़ा जमा होने लगता है। उपभोक्तावादी समाज में प्लास्टिक पदाथरें का निष्पादन एक चुनौती है, लेकिन यह अति आवश्यक भी है। वे बुधवार को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित सेवा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि बच्चों को संकल्पित कराना होगा कि चीजों को बर्बाद न करें। उर्जा का संरक्षण करें। भोजन को सम्मान दें। वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र पर चल कर अपने तन-मन को स्वस्थ रखते हुए अपनी संस्कृति को आदर्श बनाना है।
शिशु विकास मंदिर समिति के मंत्री अखिलेश्वर नाथ मिश्र ने कहा कि स्कूल के सफाई कर्मचारी विद्यालय के साथ आसपास की भी सफाई का ध्यान रखते हैं। इन कर्मियों को सम्मानित किया जा रहा है। संस्कृति व भाषा के उन्नयन से ही देश का विकास
पद्म भूषण कडिया मुंडा ने कहा कि हम वातावरण को सुंदर, स्वच्छ बनाने का संकल्प लें। संस्कृति, भाषा के उन्नयन से ही देश का विकास होगा। संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है, जिसका उपयोग आज कंप्यूटर के दौर में भी हो रहा है। बाजारवाद एवं भौतिकवादी सोच से दूर रहें। धन्यवाद ज्ञापन शिशु विकास मंदिर समिति के अध्यक्ष शक्तिनाथ लाल दास ने किया। मौके पर आरएसएस के क्षेत्र संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर, पवन मंत्री, डॉ. उमा शकर शर्मा, डॉ. धनेश्वर महतो, महावीर सिंह, विजय केशरी, दीपा रानी कुंज, वसंती एक्का, प्राचार्या डॉ. संध्या सिंह, उप प्राचार्य ललन कुमार सहित शहर के कई प्रमुख लोग उपस्थित थे। सफाई करने वालों के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र सेवा प्रमुख अजय कुमार ने कहा कि जहां स्वच्छता है वहीं लक्ष्मी का वास है। आज समाज उपभोक्तावादी समाज के द्वारा फैलाई जा रही गंदगी को साफ करने वाले लोगों के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन है। हम सफाई करने वालों का अभिवादन करें तो हमारा अहंकार स्वत: जाता रहेगा। विद्यालय भी बच्चों को सप्ताह में एक दिन एक घटे के लिए आस-पास की सफाई के लिए प्रेरित करें। उन्होंने शिक्षा के साथ संस्कार एवं स्वच्छता पर जोर दिया। कहा, कचरे का सफल निष्पादन हो और जल संरक्षण पर जोर दें।