बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने पर सरकार गंभीर
रांची बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए उसे निजी हाथों में देने पर सरकार गंभीर है। जल्द ही इस दिशा में कदम उठाने की जानकार मुख्य सचिव ने दी।
रांची : बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए उसे निजी हाथों में देने पर सरकार गंभीर है। जल्द ही इस दिशा में फैसला लिया जाएगा। यह बातें मुख्य सचिव डॉ.डीके तिवारी ने कही। वह बुधवार को इंडस्ट्रीज एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों के साथ झारखंड मंत्रालय स्थित अपने सभा कक्ष में बैठक कर रहे थे।
इस दौरान राज्य के उद्यमियों के सामने आ रही समस्याओं का मौके पर निराकरण किया गया। साथ ही संबंधित विभागों के सचिवों को निर्देश दिया गया कि वे सभी कानूनी स्वीकृतियों के लिए चेक लिस्ट तैयार करें।
बैठक में बिजली की बदहाली पर भी चर्चा हुई। बिजली की कुव्यवस्था को दूर करने के लिए उसे निजी हाथों में देने के लिए एसोसिएशन की माग पर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार इसे लेकर गंभीर है तथा जल्द ही कुछ क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने की दिशा में त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की शिकायत के आधार पर सीएस ने औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित दुकानों का लाइसेंस रद करने का निर्देश दिया है।
लाइसेंस रद होने के साथ ही हटाने की जिम्मेदारी उद्योग सचिव की होगी। इसके साथ ही उन्होंने इंडस्ट्रियल एरिया में अस्पताल और होटलों के लिए कारखानों से हट कर स्थान तय करने का निर्देश दिया।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह, उद्योग सचिव के. रवि कुमार, ऊर्जा सचिव वंदना डाडेल, परिवहन सचिव प्रवीण टोप्पो, आइटी सचिव विनय कुमार चौबे और बिजली वितरण निगम के निदेशक राहुल पुरवार आदि शामिल थे।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत लाभ लें
मुख्य सचिव ने बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों से कहा कि सरकार राज्य में इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत लगातार रिफार्म कर रही है। उद्योग लगाने से लेकर चलाने तक की प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम बहाल किया गया है।
वे इसका लाभ लें और अपना फीडबैक भी दें। अगर कमिया संज्ञान में लाई जाती हैं तो उसके त्वरित निदान का चैनल भी विकसित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सकारात्मक रूख के साथ सरकार के साथ मिलकर राज्य के विकास में योगदान दे।
प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाएं
एसोसिएशन द्वारा इंडस्ट्रियल पार्क के लिए सरकार से जमीन उपलब्ध कराने की माग पर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार बाजार मूल्य से चौगुने दाम पर जमीन अधिग्रहण करती है, इस स्थिति में यह उद्यमियों के लिए लाभदायक नहीं होगा। उन्होंने एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को सुझाव दिया कि वे खुद बाजार मूल्य पर 10 एकड़ या उससे अधिक जमीन खरीद कर इंडस्ट्रियल पार्क बनाएं। सरकार उसके लिए अनुदान देगी। वहीं पार्क में सभी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी।
स्किल डेवलपमेंट करने में सरकार करेगी सहयोग
इंडस्ट्रीज एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों की माग पर मुख्य सचिव ने कहा कि वे स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलें, सरकार उसमें बढ़-चढ़ कर सहयोग करेगी। इससे संबंधित सरकार की पॉलिसी भी है। ट्रेनिंग का पैसा सरकार देगी।
वहीं, जरूरत होने पर सरकार भी क्वालिटी स्किल सेंटर खोलेगी। उन्होंने एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस मसले पर पहले वर्कआउट कर उन्हें बताएं।
वहीं इंडस्ट्रीज में टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन की माग पर एसोसिएशन को वर्क आउट कर टू द प्वायंट प्रपोजल देने को कहा गया।
पुराने वाहनों के निबंधन में अड़चन पैदा करनेवाले पर करें कार्रवाई
मुख्य सचिव ने पुराने वाहनों का निबंधन मूल निबंधन स्थान से कराने तथा खरीदार और बिक्रेता को बुलाने के लिए बाध्य करने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ऐसे अफसरों पर कार्रवाई कर उन्हें सूचित करने का निर्देश परिवहन सचिव को दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर इज ऑफ डूइंग विजनेस के तहत प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में बढ़ रही है, वहीं कुछ लोग पुराने माइंड सेट में उलझे हुए हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। किसी भी नये-पुराने वाहनों का निबंधन राज्य में कहीं भी होगा।
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स्ट्रक्चरल वेरिफिकेशन और प्रदूषण प्रमाणपत्र पर भी चर्चा
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने हर साल होने वाले फैक्ट्रियों के स्ट्रक्चरल वेरिफिकेशन के दौरान अधिकारियों द्वारा समस्या खड़ी करने की शिकायत पर मुख्य सचिव ने उद्योग सचिव को इसका समाधान करने का निर्देश दिया।
वहीं प्रदूषण प्रमाणपत्र लेने में आ रही दिक्कतों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारियों को एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ तत्काल बैठक कर समस्या का त्वरित समाधान का निर्देश दिया।