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मॉल व किराना दुकान में नहीं बिकेगी शराब, पढ़ें झारखंड कैबिनेट के फैसले Ranchi News

मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 21 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने इस दौरान पूर्व में लिए अपने फैसले को बदल दिया है। झारखंड शिक्षक पात्रता नियमावली को स्वीकृति मिल गई है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 10:51 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 08:00 PM (IST)
मॉल व किराना दुकान में नहीं बिकेगी शराब, पढ़ें झारखंड कैबिनेट के फैसले Ranchi News
मॉल व किराना दुकान में नहीं बिकेगी शराब, पढ़ें झारखंड कैबिनेट के फैसले Ranchi News

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। प्रदेश के किराना दुकानों और मॉल में अब शराब की बिक्री नहीं हो सकेगी। राज्य कैबिनेट ने पूर्व में लिए अपने फैसले का बदल दिया है। इसके साथ ही शराब की कीमतों को लेकर भी महत्वपूर्ण फैसला यह हुआ है कि किसी ब्रांड के शराब की कीमत पांच और दस के गुणक में होगी ताकि लोगों को खुदरा के लिए परेशानी न उठानी पड़े। कैबिनेट ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों को खाद्यान्न नहीं मिलने की स्थिति में नगद भुगतान करने का निर्णय भी लिया है।

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ऐसे लाभुकों को जो राशि दी जाएगी उसकी वसूली जिम्मेदारी लोगों से होगी। इसके साथ शिक्षक पात्रता नियमावली को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। मंगलवार को कैबिनेट ने 21 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी सचिव अजय कुमार सिंह ने दी। राज्य में किराना दुकानों और मॉल में शराब नहीं बेचने के पीछे का अहम कारण है इसके लिए आवेदनों की कमी होना। व्यवसायियों की दिलचस्पी नहीं होने के कारण विभाग को पर्याप्त संख्या में आवेदन नहीं मिल रहे थे।

इसके अलावा राज्य में पांच और दस के गुणक में ही शराब के बोतलों की कीमत होगी। इससे खुदरा की समस्या से मुक्ति मिलेगी। शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए नियमावली अलग से नहीं होने के कारण परेशानी हो रही थी। अभी तक झारखंड प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत टेट की परीक्षा हो रही थी। शिक्षक नियुक्ति एवं शिक्षक पात्रता अलग-अलग होने के कारण नियमावली को अलग से परिभाषित किया गया है। एनसीटीई की अधिसूचना का भी इसमें ख्याल रखा गया है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर तय होगा भत्ता

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुकों को अनाज नहीं मिलने की स्थिति में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से 125 फीसद राशि दी जाएगी। कैबिनेट ने फैसला किया है कि राशि की वसूली उस व्यक्ति से वसूली जाएगी जो खाद्यान्न नहीं मिलने के लिए जिम्मेदार होगा। इसके लिए जिला शिकायत निवारण अधिकारी के तौर पर अपर समाहर्ता को अधिसूचित किया गया है। अपर समाहर्ता ही दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

कैबिनेट के अन्य फैसले

  • झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के गठन को स्वीकृति दी गई।
  • सुमंडल/मंडल जाति को राज्य के अत्यंत पिछड़े वर्गों की सूची (अनुसूची-1) के क्रमांक-122 पर सूढ़ी जाति के प्रकोष्ठ में शामिल करने की स्वीकृति दी गई।
  • मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना अंतर्गत मुंडारी एवं खूंटकट्टी भूमि के कृषकों को भी लाभ देने का निर्णय।
  • झारखंड मोटर गाड़ी नियमावली, 2001 में संशोधन की स्वीकृति दी गई। अब शोरूम संचालक तात्कालिक निबंधन का प्रमाणपत्र दे सकेंगे।
  • हजारीबाग जिला में चौपारण अंचल के मौजा अम्बातरी में 0.265 एकड़ जमीन रेल मंत्रालय को 1.90 लाख रुपये के भुगतान पर देने का निर्णय।
  • केंद्र प्रायोजित अमृत योजना अंतर्गत नागरिकों की सहायता के लिए शहरी स्थानीय निकायों में विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं अंतर्गत भुगतान के लिए आइसीआइसीआइ बैंक से एकरारनामा करते हुए मनोनयन के आधार पर सेवा लेने की स्वीकृति दी गई।
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 में कार्यान्वित की जाने वाली कैम्पा वार्षिक कार्य योजना के लिए 409.47 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।
  • विश्वविद्यालयों के स्नाकोत्तर विभाग एवं अंगीभूत महाविद्यालय में शिक्षण कार्य को सुचारू रूप से संचालन के लिए स्वीकृत पदों के विरुद्ध रिक्त पदों पर घंटी आधारित शिक्षकों की संविदा पर नियुक्ति एवं शिक्षकेतर कर्मियों के मानदेय के भुगतान के संबंध में जारी मार्गदर्शिका का लागू करने का निर्णय। इसके आलोक में शिक्षकों द्वारा भविष्य में किसी प्रकार के नियमित/स्थायी किए जाने का दावा नहीं करने संबंधी संशोधन को स्वीकृति दी गई है।
  • हजारीबाग जिला के केरेडारी अंचल में विभिन्न मौजों के अंतर्गत 35.15 एकड़ भूमि 3.29 करोड़ रुपये लेकर डुमरी कॉल ब्लॉक के लिए हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 30 वर्षों के लिए देने का निर्णय।
  • स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्तर के अतिरिक्त 21 पदों को सृजित करते हुए जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी एवं जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के पदों को सृजित/पुनर्गठन/कर्णाकित करने तथा जिला मलेरिया पदाधिकारी के पद को जिला वेक्टर बोर्न पदाधिकारी के रूप में नामित करने की स्वीकृति दी गई।
  • दुमका के जामा-बराप्लासी पथ (कुल लंबाई 7 किलोमीटर) को ग्रामीण विकास विभाग से पथ निर्माण विभाग को देते हुए मयूराक्षी नदी पर उच्चस्तरीय पुल के निर्माण सहित अन्य कार्यों के लिए 60.60 करोड़ स्वीकृत।

लंबे समय से गैरहाजिर एमजीएम कॉलेज की डॉ. रागिनी सेवा से बर्खास्त

कैबिनेट ने जमशेदपुर स्थित डॉ. रागिनी सिंह (वरीय रेजिडेंट, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) को सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया है। डॉ. रागिनी के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की गई है कि वे लंबे समय से अनुपस्थित थीं।


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