मुख्यमंत्री फुटबॉल कप टूर्नामेंट की जर्सी की गुणवत्ता पर खिलाड़ियों ने उठाए सवाल, खेल विभाग से की शिकायत
Ranchi News जर्सी टी-शर्ट व शर्ट के लिए खेल विभाग ने टेंडर आमंत्रित किया था। इसके तहत 68680 पीस टी शर्ट 3240 पीस फुटबाल जर्सी व 3240 पीस शार्ट का आर्डर दिया गया। इसके लिए कुल एक करोड़ 62 लाख 24 हजार 784 रुपये का भुगतान किया गया।
रांची, (संजीव रंजन)। कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री कप फुटबाल टूर्नामेंट इस बार खेल से अधिक जर्सी प्रकरण के कारण चर्चित रहा है। पिछले दो साल में केवल एक टूर्नामेंट आयोजित किया गया, वह भी विवादों में फंस गया। स्थानीय प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कप फुटबाल टूर्नामेंट का आयोजन पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक किया।
दिल्ली में होगी जर्सी के गुणवत्ता की जांच
इसके लिए दिल खोल कर खर्च भी किया, लेकिन वह खर्च खिलाडिय़ों तक सही तरीके से नहीं पहुंचा। कई पंचायतों में मैच नहीं हुए। कहीं जर्सी का वितरण नहीं हुआ, जो वितरित हुआ भी, उसकी गुणवत्ता पर प्रश्न खड़े हो रहे हैैं। कपड़े के स्तर से लेकर रंग तक की गुणवत्ता पर खिलाडिय़ों ने सवाल उठाए हैं। खिलाडिय़ों द्वारा शिकायत करने के बाद खेल विभाग ने जर्सी की गुणवत्ता जांचने के लिए जिला पदाधिकारियों को आदेश दिए, लेकिन जिला खेल पदाधिकारियों ने असमर्थता जताते हुए कहा, कि वे जांच नहीं करा पाएंगे। अब खेल विभाग ने खुद जांच का जिम्मा उठाते और दिल्ली की एक कंपनी में जर्सी जांच कराने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार दिल्ली की एरोमा लेबोरेट्री को पत्र लिख कर जर्सी जांच करने का आर्डर दिया गया है।
डेढ़ करोड़ से अधिक की जर्सी, शार्ट व टी-शर्ट
जर्सी, टी-शर्ट व शर्ट के लिए खेल विभाग ने टेंडर आमंत्रित किया था। इसके तहत 68,680 पीस टी शर्ट, 3240 पीस फुटबाल जर्सी व 3240 पीस शार्ट का आर्डर दिया गया। इसके लिए कुल एक करोड़, 62 लाख, 24 हजार 784 रुपये का भुगतान किया गया।
4402 पंचायतों में टूर्नामेंट आयोजित कराने का लिया गया था निर्णय
स्थानीय प्रतिभा को प्लेटफार्म देने के उद्देश्य को लेकर प्रदेश के 4402 पंचायतों में टूर्नामेंट आयोजित कराने का निर्णय लिया गया। विभाग द्वारा कहीं मैच के दौरान जर्सी पहुंचाई गई, तो कहीं मैच के बाद। महिला व पुरुष खिलाडिय़ों ने जर्सी मिलते ही इसके गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए। कुछ जिला खेल पदाधिकारियों ने खिलाडियों की शिकायत विभाग तक पहुंचाई। इसके बाद खेल निदेशक जीशान कमर ने जिला खेल पदाधिकारियों को जर्सी की गुणवत्ता जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। खिलाडियों ने आरोप लगया कि जो जर्सी वितरित की गई है, उसमें 75 प्रतिशत पालिस्टर शामिल है। टेंडर के अनुसार जिस कंपनी को आर्डर दिया गया था, उसे स्पष्ट कहा गया था, कि जर्सी में पालिस्टर की मात्रा 25 से 30 प्रतिशत तक ही होनी चाहिए।
जिला खेल पदाधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
खेल विभाग द्वारा जिला खेल पदाधिकारियों को जांच का आदेश दिया गया, लेकिन जिला खेल पदाधिकारियों को समझ में नहीं आया, कि वे इसकी जांच कहां कराए। ऐसे में सभी ने खेल विभाग को पत्र द्वारा अपनी समस्या से अïवगत करा जांच कराने में असमर्थता व्यक्त की। इसके बाद विभाग ने स्वयं जांच कराने का निर्णय लिया।