CNI में विलय के दावे को छोटानागपुर डायोसिस ने बताया भ्रामक, कहा- यह षडयंत्र का हिस्सा
Jharkhand News छोटानागपुर डायोसिस के पूर्व सेक्रेटरी पादरी विकल बाखला ने कहा कि सीएनआइ द्वारा फैलाई जा रही अफवाह है। अब आटोनोमस डायोसिस का कोई अस्तित्व नहीं है। यह सफेद झूठ और समाज से धोखा देने वाली हरकत है।
रांची, जासं। आटोनोमस छोटानागपुर डोयोसिस ने सीएनआइ (चर्च आफ इंडिया) से मेलमिलाप हो जाने संबंधी दावे को भ्रामक करार दिया है। छोटानागपुर डायोसिस के पूर्व सेक्रेटरी पादरी विकल बाखला ने कहा कि सीएनआइ से मेलमिलाप की बातें प्रचारित करना षडयंत्र का हिस्सा है। कुछ लोग जल्दी में हैं और तरह-तरह की बातें मीडिया में प्रचारित करते हैं।
दो दिन पहले पांच नवंबर को सीएनआइ द्वारा एक बयान जारी किया गया था कि बिशप बीबी बास्के डायोसिस को सीएनआइ से मिलाने पर राजी हो गए। 64 पादरियों ने भी इसका समर्थन दिया है। अब आटोनोमस डायोसिस का कोई अस्तित्व नहीं है। यह सफेद झूठ और समाज से धोखा देने वाली हरकत है।
बिशप से मेलमिलाप पर नहीं हुई बात
विकल बाखला ने कहा कि पांच नवंबर को सीएनआइ पटना डायोसिस के बिशप पीपी मरांडी और बिशप मनोज चरण से डोयोसिस के बिशप बीबी बास्के की मुलाकात औपचारिक थी। बिशप बीबी बास्के ने पुराना परिचित होने के नाते दोनों से भेंट की।
मुलाकात के दौरान छोटानागपुर डायोसिस का सीएनआइ में विलय पर चर्चा नहीं हुई। आपसी मुलाकात को अलग रंग दे दिया गया। विकल बाखला ने कहा कि छह नवंबर को कई अखबारों ने सीएनआइ से मेलमिलाप हो जाने संबंधी खबरें प्रमुखता से छापी जो कि पूर्णत: गलत है। उन्होंने कहा कि छोटानागपुर डायोसिस अब भी आटोनोमस है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर डायोसिस हो गया था अलग
स्कूल की जमीन व्यवसायिक उपयोग के लिए देने और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीते 17 जुलाई को छोटानागपुर डायोसिस सीएनआइ से 50 सालों का संबंध तोड़कर अलग हो गया था। बिशप बीबी बास्के ने छोटानागपुर डायोसिस को आटोनोमस घोषित कर दिया। हालांकि, तीन माह बाद दोबारा मेल मिलाप की कोशिश की जा रही है।