झारखंड के इस बाजार में छठ व्रती को आधी कीमत पर मिलती है सामग्री, कारोबारी-थानेदार से लेकर वकील-शिक्षक तक करते हैं सहयोग
Jharkhand Chhath Puja News समिति को विधायक थानेदार कारोबारी से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सामान्य लोग और संपन्न लोग चंदा देते हैं। आरएसएस की प्रेरणा से स्थापित यह समिति पूरे आयोजन में एक भी मजदूर का उपयोग नहीं करते।
हजारीबाग, [विकास कुमार]। झारखंड के हजारीबाग जिले के कुछ युवाओं ने छह साल पहले एक अनोखी शुरुआत की थी। उन्होंने छठ महापर्व पर लोगों से चंदा इकट्ठा कर कुछ पैसे जमा किए और इससे उन्होंने फल और अन्य पूजा सामग्री खरीदी। इसके बाद एक बाजार विकसित किया। इस बाजार में छठ व्रती महिलाओं और पुरुषों को आधे दाम पर पूजा सामग्री उपलब्ध कराई।
यह सिलसिला चल पड़ा और इस पहल के छठे वर्ष में समिति से अब 30 से 40 स्थायी और 120 लोग अस्थायी रूप से जुड़ चुके हैं। इसमें आधे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक, शिक्षक और समाज के अन्य तबके के लोग शामिल हैं। इस वर्ष समिति ने 50 लाख रुपये चंदा किया है। इससे फल व अन्य पूजा सामग्री खरीद कर छठ व्रतियों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस बाजार की खास बात यह है कि छठ व्रतियों के बीच सामानों की बिक्री के बाद बची हुई चंदे की राशि दान दाता लोगों में लौटा दी जाती है।
समिति को विधायक, थानेदार, कारोबारी से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता, सामान्य लोग और संपन्न लोग चंदा देते हैं। चंदा की राशि 251 रुपये से लेकर एक लाख तक की है। जब इस अनूठी पहल की शुरुआत हुई थी तो 1.80 लाख रुपये चंदा हुआ था। इसके बाद 2015 में चार लाख, 2016 में 9 लाख, 2017 में 13 लाख, 2018 में 19.5 लाख रुपये चंदा हुआ। 2019 में 30 लाख और इस साल यह 35 लाख रुपये तक पहुंच गया है। यह अपने आप में एक अनूठा सामुदायिक बाजार व्यवस्था है, जो लोगों को आकर्षित करता है।
कहीं भी मजदूर का नहीं होता उपयोग, सारे कार्य स्वयं करते हैं कार्यकर्ता
आरएसएस की प्रेरणा से स्थापित यह समिति पूरे आयोजन में एक भी मजदूर का उपयोग नहीं करती है। सारा कार्य समिति से जुड़े लोग स्वयं करते हैं और कार सेवा के लिए लोगों की सूची तैयार की जाती है। कार सेवा करने वालों में अधिवक्ता, कॉलेज, स्कूल, दारोगा, पत्रकार से लेकर शिक्षाविद और 80 वर्ष के वृद्ध भी शामिल हैं।
महंगाई से दिलाते हैं निजात
समिति के संरक्षक सह आरएसएस के जिला मार्ग प्रमुख 72 वर्षीय वृद्ध टेकलाल साव ने बताया कि समिति का उद्देश्य बाजार नियंत्रण और छठव्रतियों को अधिक से अधिक लाभ देना है। इसमें यह समिति पूरी तरह खरी उतरी है। समिति के कार्यों से प्रेरित होकर आज शहर के अन्य तीन स्थानों पर छठ व्रतियों को फल उपलब्ध कराने का कार्य शुरू हुआ है। साव ने बताया कि बाजार पर नियंत्रण हो जाने के कारण गरीब और असहाय लोगों को भी आसानी से फल उपलब्ध हो जाता है।