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Chhath Puja 2020: छठ घाटों पर व्रतियों का हुजूम, उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन

Chhath Puja 2020 News 530 बजे तक अधिकांश श्रद्धालु छठ घाटों तक पहुंच गए। राजधानी रांची में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने का समय सुबह 607 बजे निर्धारित था। तय समय पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 06:58 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 11:37 AM (IST)
Chhath Puja 2020: छठ घाटों पर व्रतियों का हुजूम, उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन
रांची के एक तालाब में सुबह सूर्य भगवान को अर्घ्‍य देते श्रद्धालु। जागरण

रांची, जासं। लोक आस्था के महापर्व छठ का आज चौथा और अंतिम दिन है। सुबह 3:00 बजे से ही छठ घाटों पर व्रतियों का आगमन प्रारंभ हो गया। 5:30 बजे तक अधिकांश श्रद्धालु छठ घाटों तक पहुंच गए। राजधानी रांची में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने का समय सुबह 6:07 बजे निर्धारित था। तय समय पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। यह करीब 32 मिनट तक चली।

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जल के साथ दूध मिलाकर दिया गया अर्घ्य

भगवान भास्‍कर को प्रातः कालीन अर्घ्य जल के साथ गाय का दूध मिलाकर दिया गया। व्रत करने वाले महिला और पुरुष जलाशयों में खड़े होकर भगवान भास्कर के उदय की प्रतीक्षा करते रहे। मौसम को देखते हुए अधिकांश लोग छठ घाटों पर गर्म कपड़े में नजर आए। महिला पुरुषों के साथ साथ बच्चों में जबरदस्त उत्साह दिख रहा था।

सुबह 4:00 बजे से ही सुनाई देने लगा पटाखों का शोर

सुबह 4:00 बजे से ही अलग-अलग छठ घाटों पर पटाखों का शोर सुनाई देने लगा। इस बार नदी और तालाब के साथ-साथ बड़े पैमाने पर लोगों ने अपने घरों में व्रत किया। अलग-अलग काॅलोनियों में, घर की छतों का नजारा भी बेहद खूबसूरत दिख रहा था। आसपास की महिलाएं भी वहां एकत्र थी। कई जगह मोहल्लों में व्रतियों की सुविधा के लिए कृत्रिम तालाब तैयार किए गए थे। यहां भी सुबह से ही मांगलिक लोकगीत का स्वर सुनाई दे रहा था।

बीमारी से बचाव को लेकर दिखा लोगों में एहतियात

लोक आस्था के महापर्व छठ पर लोगों में उत्साह और एहतियात दोनों दिखा। कहीं लोग अपनों के साथ सेल्फी लेते नजर आए। कहीं अपनों को बीमारी से बचाने के लिए मास्क लगाकर घाटों तक पहुंचे। विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से लोगों को बीमारी से बचाने के लिए जगह-जगह सैनिटाइजर का वितरण किया जा रहा था। घाटों तक जाने वाले सभी लोगों के हाथ में सैनिटाइजर लगवाया जा रहा था।

चिकित्सकों ने कहा, और सावधानी बरतने की थी आवश्यकता

छठ घाटों पर उमड़े श्रद्धालु और व्रतियों के बीच आस्था जागरूकता पर कहीं ज्यादा भारी दिखी। कई घाटों पर अधिकांश तो बिना मास्क के पहुंचे। शारीरिक दूरी का भी ख्याल नहीं रखा गया। चिकित्सकों ने कहा कि कुछ जगहों पर लोगों ने शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए नदियों और तालाबों तक जाने के बजाय अपने घरों में ही जलाशय बनाकर पूजा अर्चना की। हालांकि मास्क का प्रयोग नहीं हुआ।


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