कोरोना ने रोकी चतरा जिले में पर्यटन विकास की रफ्तार, इटखोरी मास्टर प्लान पर लगा ग्रहण Chatra New
Chatra Jharkhand News इटखोरी स्थित भद्रकाली मंदिर परिसर में पर्यटन विकास के लिए तैयार किया गया पांच सौ करोड़ रुपये का मास्टर प्लान फिलहाल धरा के धरा पड़ा है।
चतरा : वर्ष 2020 में जिले में पर्यटन विकास की रफ्तार तेज होने की उम्मीद थी। इटखोरी मास्टर प्लान एवं काैलेश्वरी पर्वत पर रोपवे निर्माण की याेजना प्रस्तावित है। दोनों योजनाओं को लेकर जमीन संंबंधी मामलों का हल 2019 में कर लिया गया था। ऐसी संभावना थी कि 2020 में इन दोनों योजनाओं का शुभारंभ हाे जाएगा। 19 फरवरी 2020 को राजकीय इटखोरी महोत्सव के उद्घाटन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके संकेत भी दिए थे। लेकिन इसी बीच कोरोना संक्रमण ने सरकार की योजनाओं पर ही पानी फेर दिया। इटखोरी स्थित भद्रकाली मंदिर परिसर में पर्यटन विकास के लिए तैयार किया गया पांच सौ करोड़ रुपए के मास्टर प्लान फिलहाल धरा के धरा पड़ा है। मास्टर प्लान तैयार करने वाली कंसल्टेंट कंपनी आईडेक भी शांत है। डीपीआर तैयार होने के बाद भी स्थिति यथावत है। सरकार के सुझाव पर मास्टर प्लान की योजनाओं को तीन भाग में विभाजित किया गया है। जिसमें 67 करोड़ रुपए की लागत से मेगा प्लाजा गेट, दो सौ करोड रुपए की लागत से प्रेयर व्हील तथा करीब सवा दो सौ करोड रुपए की लागत से रिवर फ्रंट, ऑडिटोरियम, पाथवे एवं बाग बगीचों का निर्माण किया जाना है। जानकार बताते हैं कि टेंडर निकालने की प्रक्रिया बाकी है। टेंडर पर्यटन विभाग के द्वारा निकाला जाना है। वर्तमान हालात के आधार पर यह कह सकते हैं कि इस वर्ष संभव नहीं है। इसी प्रकार 2017 में कौलेश्वरी पर्वत को राज्य सरकार ने रोपवे का तोहफा दिया था। कैबिनेट से स्वीकृति भी मिल गई। रोपवे निर्माण के लिए वन विभाग ने राज्य सरकार को जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को पूरी कर ली। चार हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। रोपवे वन विभाग की जमीन से होकर गुजरेगा। लिहाजा वन विभाग से जमीन लेने की मजबूरी है। हंटरगंज अंचल कार्यालय ने वन विभाग को उसके एवज में चार हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करा दी है। रोपवे का निर्माण कार्य इस वर्ष शुरू हो जाता। लेकिन अब संभव नहीं है। भद्रकाली और कौलेश्वरी मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार कहते हैं कि कोरोना की वजह से न सिर्फ पर्यटन विकास, बल्कि विकास की दूसरी योजनाएं भी प्रभावित हुई है। अनुमंडल पदाधिकारी कहते हैं इटखोरी मास्टर प्लान और रोपवे निर्माण की संभावनाओं पर फिलहाल ग्रहण लग गया है।