शर्मनाक: बाइक पर लादकर घर ले गया अपने भाई का शव, गिड़गिड़ाते परिजनों को अस्पताल प्रबंधन ने नहीं दिया शव वाहन
शव को ले जाने के लिए परिजनों ने शव वाहन की मांग की। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया। परिणामस्वरूप परिजनों ने शव को बाइक से घर ले गए।
चतरा, जासं। कैंची की धार तेज करने के क्रम में जख्मी युवक की उपचार के दौरान बुधवार को सिमरिया रेफरल अस्पताल में मौत हो गई। शव को ले जाने के लिए परिजनों ने शव वाहन की मांग की। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया। परिणामस्वरूप परिजनों ने शव को बाइक से घर ले गए। मामला टंडवा प्रखंड के तेसर चप्पा गांव का है। गांव निवासी सुखदेव मिस्री का 25 वर्षीय पुत्र गणेश कुमार मंगलवार की शाम कैंची में धार चढाने के दौरान ग्रेंडर टूटने से बुरी तरह घायल हो गया था।
घटना के बाद गंभीर रूप से घायल गणेश को परिजन उपचार के सिमरिया स्थित रेफरल अस्पताल लेकर आए। जहां पर मौजूद चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव ले जाने के लिए परिजनों ने शव वाहन की मांग की। चिकित्सक द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया। लाॅकडाउन के कारण कोई निजी वाहन नहीं मिलने से परिजन शव को बाइक से अपने पैतृक गांव ले गए। मृतक के भाई शंकर मिस्री ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण घर पर ही भाई ग्रेंडर से कैंची में धार चढा रहा था।
इस दौरान ग्रेंडर का पत्थर टूट कर गला को काट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। घटना के बाद पडोसियों की मदद से रेफरल अस्पताल लाने के दौरान रास्ते में ही मौत हो गई। वृद्ध माता और शव को ले जाने के लिए परिजनों ने चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों से काफी मिन्नतें की। परंतु किसी ने वाहन उपलब्ध नहीं कराया। दूसरी ओर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भूसण राणा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। अस्पताल में दो एंबुलेंस उपलब्ध हैं। मामले की जांच की जाए की और दोषियों पर कार्रवाई होगी।