टेरर फंडिग में तीन उग्रवादियों के खिलाफ एनआइए कोर्ट में आरोप तय
टेरर फंडिग में बुधवार को एनआइए की विशेष अदालत में टीपीसी के तीन उग्रवादियों पर आरोप तय किया गया।
जागरण संवाददाता, रांची: टेरर फंडिग में बुधवार को एनआइए की विशेष अदालत में टीपीसी के तीन उग्रवादियों लक्ष्मण गंझू, करमपाल गंझू एवं कमलेश गंझू के खिलाफ आरोप तय किया गया। अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप गठन पर 22 फरवरी को सुनवाई होनी है। सुनवाई के बाद ही तय होगा कि कितने आरोपितों पर आरोप तय करना है। वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये सुनवाई करते हुए विशेष जज एके मिश्रा ने आरोप गठन पर होने वाली सुनवाई के दौरान सभी आरोपितों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। वहीं, आरोप गठन के बाद अभियोजन को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत करने की प्रक्रिया चलेगी। बता दें कि लक्ष्मण गंझू, करमपाल गंझू एवं कमलेश गंझू होटवार जेल में बंद है। सुनवाई के दौरान तीनों को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये अदालत में पेश किया गया। मामले में जेल में बंद आरोपितों के अलावे मुकेश गंझू उर्फ मुनेश्वर गंझू, आक्रमण उर्फ रवींद्र गंझू, ब्रजेश गंझू को भी आरोपित बनाया गया है।
बंदूक का भय दिखाकर व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से उगाहता था पैसा
उग्रवादियों पर चतरा के टंडवा में बंदूक का भय दिखाकर कोयला कारोबार से जुड़े व्यवसायी और ट्रांसपोर्टरों से पैसा उगाहने का आरोप है। आरोप है कि इलाके में सक्रिय टीपीसी उग्रवादी ट्रांसपोर्टरों व व्यवसायी से प्रति टन कोयला के हिसाब से लेवी लेता था। छानबीन में सामने आयी कि ये उग्रवादी प्रतिमाह करोड़ों की उगाही करता था। उगाही के पैसे संगठन के कर्ताधर्ता तक पहुंचाता था। टेरर फंडिग का मामला समाने आने के बाद 2016 में टंडवा में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की। बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए 2018 में केस को एनआइए ने टेक ओवर कर लिया।