सर्दियों में खुद को फिट रखने के लिए जरूरी है खानपान में बदलाव
सर्दियों के मौसम में हमें अपने खानपान में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
जागरण संवाददाता, रांची : सर्दियों के मौसम में हमें अपने खानपान में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सर्दियों में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इस मौसम में यदि हम अपने लाइफ स्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव कर लें तो कई बीमारियों से बच सकते हैं। इस बारे में रांची सदर अस्पताल की डाइटिशियन ममता मेहता बताती हैं कि भोजन मात्र पेट भरने का ही काम नहीं करता, बल्कि शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। इतना ही नहीं, अगर मौसम को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदाथरें का सेवन किया जाए तो मनुष्य कई तरह की बीमारियों से बेहद आसानी से बच सकता है। सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है। इसलिए सलाह दी जाती है कि हमें इस मौसम में ड्राई फ्रूट खाने की सलाह दी जाती है। अखरोट, बादाम और खजूर ऐसे ड्राई फ्रूट है जो शरीर को गर्मी देने के साथ ही आवश्यक पोषक तत्व भी देते है। सर्दियों में ठंडी हवा हमारी त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में ड्राई फ्रूट से मिलने वाले मिनरल इससे हमारी रक्षा करते हैं। हरी सब्जियों का भरपूर ले स्वाद-
ठंड के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, साग, मेथी, बथुआ आदि को डाइट में अवश्य शामिल करें। यह शरीर में आयरन, विटामिन और ऐसे खनिज पदाथरें हमारी शरीर को देते है जो आम दिनों में हमारी डाइट में नहीं मिल पाते है। ये सब्जियां हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कई गुना बढ़ाते हैं। इसके अतिरिक्त आप ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें, जिनमें विटामिन ए, सी, डी, ई, कैल्सियम, जिंक, ओमेगा 3 आदि हों उन्हें अपने डाईट में जरुर शामिल करना चाहिए। आंवला है सर्दियों का वरदान
आंवला को एक सुपर फूड कहा जाता है। ये सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद है। आवले में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी, आयरन, और कैल्शियम पाया जाता है। इसके साथ ही आवले की खास बात ये है कि इसको कई तरह से खाया जा सकता है। कुछ लोग आवले का मुरब्बा खाते हैं, तो वहीं कुछ लोग आवले का जूस, चटनी या अचार बनाकर अपनी पंसद अनुसार सेवन करते हैं। सर्दियों में गुड़ के साथ आवले का सेवन करने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है और कई बीमारियों से बचाव भी होता है।
सर्दी के मौसम में ठंड होने की वजह से प्यास कम लगती है। मगर शरीर को पानी की जरूरत फिर भी उतनी ही रहती है। हमें पता नही चलता है मगर कम पानी पीने के चलते लोग बार-बार बीमार पड़ते हैं। पानी लिम्फ के उत्पादन में मदद करता है, जो सफेद रक्त कोशिकाओं और अन्य प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं का वहन करता है। साथ ही यह बॉडी को डिटॉक्स करके विषाक्त पदाथरें को भी बाहर निकालता है। इस तरीके से ये हमारे शरीर के लिए एक प्यूरीफायर का काम करता है।