विकास को लेकर सोच बदलें नीति निर्धारक : सरयू राय
रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मंगलवार को जैव विविधता के संरक्षण के बहाने नीति निर्धारकों
रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मंगलवार को जैव विविधता के संरक्षण के बहाने नीति निर्धारकों तथा शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि विकास को लेकर उन्हें अपनी सोच बदलने और अपनी जमीर को जगाने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि एक ओर विकास को लेकर ऐसी नीतियां बन रही हैं, जिससे जैव विविधता ही संकट में है। दूसरी और जैव विविधता को बचाने के लिए नीतियां बन रही हैं। उन्होंने ऐसी नीतियों में समन्वय पर जोर दिया। मंत्री झारखंड जैव विविधता बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने सवाल उठाया कि जब विकास दर ऊपर ले जाने का लक्ष्य रहेगा तो जैव विविधता का संरक्षण प्राथमिकता में कैसे रहेगा? 'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर भी कहा, केंद्र व राज्य सरकारें अपनी प्रगति का आकलन इससे कर रही हैं। लेकिन इसमें जैव विविधता को होनेवाले नुकसान को नजरअंदाज किया जा रहा है। कहा, जैव विविधता को खतरा पैदा करनेवाली नीतियां हरगिज नहीं बननी चाहिए। सारंडा के जंगलों में माइनिंग पर जोर तो दिया जा रहा है, लेकिन इससे जैव विविधता के संरक्षण के कार्य तो धरे ही रह जाएंगे।
मंत्री ने मौके पर ही झारखंड जैव विविधता बोर्ड की सक्रियता पर भी सवाल उठाया। कहा, सोलह साल में इस बोर्ड ने क्या किया, यह बताने की जरूरत है। कहा, स्थानीय स्तर पर 50 फीसद ही जैव विविधता प्रबंधन समितियां गठित हो पाई हैं। इनमें से शायद किसी समिति ने जैव विविधता रजिस्टर तैयार किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में भी कई साइटें जैव विविधता के लिए संरक्षित करने की जरूरत है, उनमें सारंडा एक है। कार्यक्रम में प्रधान वन संरक्षक-वन्य प्राणी एलआर सिंह ने कहा कि जैव विविधता नहीं बचने पर मानव जाति का अंत निश्चित है। झारखंड जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष केपी पांडेय ने कहा कि प्रजातियों के विलुप्त होने की दर सौ फीसद बढ़ गई है, जो कि अलार्मिग स्थिति है। कार्यक्रम को झारखंड बंजर भूमि विकास बोर्ड के कार्यकारी निदेशक शशिनंद कुलियार ने भी संबोधित किया।
पीडीएस में मड़ुआ, बाजरा का भी हो अंश
प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार ने कार्यक्रम में राज्य सरकार से जन वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्नों के वितरण में मड़ुआ, बाजरा, कोदो जैसे माइनर मिनरल्स का भी कुछ अंश निर्धारित करने पर जोर दिया।