Move to Jagran APP

Chandrayaan 2: मेकॉन के बनाए लांच पैड से प्रक्षेपित हुआ चंद्रयान Ranchi News

Jharkhand. Chandrayaan 2 के प्रक्षेपण से जुड़ाव के कारण मेकॉन रांची के इंजीनियर उत्साह और जोश में हैं। इस लांच पैड की डिजाइन रांची के मेकॉन कार्यालय में ही तैयार की गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 10:06 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 05:40 PM (IST)
Chandrayaan 2: मेकॉन के बनाए लांच पैड से प्रक्षेपित हुआ चंद्रयान Ranchi News
Chandrayaan 2: मेकॉन के बनाए लांच पैड से प्रक्षेपित हुआ चंद्रयान Ranchi News

रांची, [मधुरेश नारायण]। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया गया। इससे जहां पूरा देश उत्साहित है, वहीं झारखंड की राजधानी रांची भी इसमें अपनी गहरी साझेदारी होने के कारण गर्व महसूस कर रही है। दरअसल, चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण से रांची के मेकॉन (मेटलर्जिकल एंड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट लिमिटेड) का काफी गहरा नाता है। 2005 में मेकॉन ने ही सतीश धवन स्पेस सेंटर में दूसरा सेटेलाइट लांच पैड बनाया था। वर्तमान में सभी सेटेलाइट इसी से लांच किए जा रहे हैैं।

loksabha election banner

वर्ष 1999 में इसरो ने दिया था कांट्रैक्ट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दूसरा बड़ा लांच पैड विकसित करने का कांट्रैक्ट 1999 में मेकॉन को दिया था। मेकॉन को इसे पूरी तरह से बनाकर साल 2003 तक दे देना था। लेकिन तभी पोखरण परमाणु परीक्षण के कारण भारत पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा दिए गए। इससे लांच पैड बनाने के लिए कई जरूरी सामान की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। इस वजह से इसे वर्ष 2005 में पूरा कर इसरो को सौंपा जा सका।

प्रोजेक्ट के शुरुआती दौर में मेकॉन के इंजीनियरों द्वारा बनाई गई लांच पैड की डिजाइन।

गर्व है कि देश की शान बढ़ाने के लिए किया काम

इस प्रोजेक्ट से जुड़े मेकॉन के उप महाप्रबंधक निशीथ कुमार ने कहा, इस स्पेस स्टेशन से जब भी कोई सेटेलाइट लांच किया जाता है तो दिल खुश हो जाता है। इस लांच पैड की डिजाइन रांची के मेकॉन कार्यालय में ही तैयार की गई थी। इसके लिए इंजीनियरों ने कई सालों तक बिना थके काम किया। हम ये समझ रहे थे कि हम जो बना रहे हैैं वह देश के लिए गर्व का विषय होगा। सतीश धवन स्पेस सेंटर में पहले से एक लांच स्टेशन था, लेकिन उससे केवल पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) ही प्रक्षेपित किए जा सकते थे। देश की बढ़ती जरूरतों के लिए बड़े लांच स्टेशन की जरूरत थी। हमने वह काम किया जिसे हमारे बाद भी याद रखा जाएगा।

निशीथ कुमार, उप महाप्रबंधक और रंजीत कुमार, संयुक्त महाप्रबंधक, रॉलिंग मिल्स डिवीजन, मेकॉन।

झेल सकता है 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाला तूफान

मेकॉन के संयुक्त महाप्रबंधक रंजीत कुमार कहते हैैं, यह ऐसा प्रोजेक्ट है जिसे हमेशा गर्व से याद किया जाएगा। इस लांच पैड का पूरा स्ट्रक्चर 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान को भी झेल सकता है। यह पूरा स्ट्रक्चर बेहद जटिल था। लेकिन मेकॉन ने अपने बेहद कुशल इंजीनियरों की वजह से इस पेचीदे काम को भी कर लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.